नई दिल्ली : ईस्टर्न लद्दाख में पिछले ढाई साल से भी अधिक वक्त से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तनाव है। चीन और भारत के सैनिक बड़ी संख्या में तैनात हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने अपने एक पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (पीआरओ) को लेह में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। जिससे सूचनाएं गलत तरीके से ना पहुंचे और रक्षा मंत्रालय का वर्जन साफ और कम वक्त में लोगों तक पहुंच सके।
भारत और चीन के बीच जब भी तनाव बढ़ता है तो यह तनाव सिर्फ मिलिट्री स्तर पर ही नहीं होता है बल्कि परसेप्शन की जंग भी होती है। चीन अपनी तरफ से सूचनाओं को तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया के जरिए फैलाने की कोशिश करता है। किसी भी जंग में परसेप्शन क्या बन रहा है और सूचनाएं किस तरह से सामने आ रही हैं, यह भी बहुत मायने रखता है। रूस और यूक्रेन की जंग में दुनिया ने परसेप्शन वॉर भी जमकर देखा है। लेह में रक्षा मंत्रालय का पीआरओ होना यह भी सुनिश्चित करेगा कि सूचनाएं सही तरीके से सामने आएं।