*पंजाब-हिमाचल में बांध से अब नहीं होगी तबाही:एक्शन में सुक्खू सरकार; हाई पावर कमेटी गठित, सभी डैम की जांच और कार्रवाई के निर्देश*
हिमाचल और पंजाब में कई इलाकों में तबाही का कारण बने बिजली परियोजनाओं के बांध प्रबंधन पर सुक्खू सरकार ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इन पर कार्रवाई के लिए सरकार ने एक्सपर्ट की हाई पावर कमेटी गठित की है। यह कमेटी राज्य में चल रहे सभी 23 बांधों का निरीक्षण करेगी। जिन प्रोजेक्ट में कमियां या अर्ली वॉर्निंग सिस्टम नहीं होगा, उस पर कमेटी सरकार से कार्रवाई की सिफारिश करेगी।
दरअसल, इस मानसून में मंडी के पंडोह, कुल्लू के सैंज, कांगड़ा के फतेहपुर, जयसिंहपुर आदि और पंजाब के कई क्षेत्रों में मानसून के दौरान डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़ने की वजह से तबाही हुई है। तब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब के कई इलाकों में पानी भरने के बाद हिमाचल पर तंज कसते हुए कहा था कि “अब ले लो पानी”।
उन्होंने कहा कि पानी पर हिस्सा मांगने तो आ जाते हैं, लेकिन अब कोई नहीं आ रहा है। ऐसा नहीं चलेगा। इसी तरह मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिले के लोगों का भी डैम प्रबंधन के खिलाफ घुसा फूटा है और प्रभावित परिवारों ने नुकसान की भरपाई डैम प्रबंधन से करने की मांग उठाई।
सरकार ने 23 कंपनियों को दिए नोटिस
इसे देखते हुए सरकार ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में राज्य में बांध बनाकर बिजली उत्पादन कर रही 23 निजी व सरकारी कंपियों को डैम सेफ्टी एक्ट की धारा 44 के तहत लीगल नोटिस दिए थे। यह नोटिस राज्य सरकार के चार बिजली प्रोजेक्ट को भी दिए गए थे। सभी ने निर्धारित समय में इसका जवाब दिया।
नोटिस के अगले ही दिन सूचना शेयर करने लगे प्रोजेक्ट प्रबंधन
सरकार की इस कार्रवाई का असर यह हुआ है कि नोटिस देने के अगले ही दिन सभी कंपनियों ने सरकार को रोजाना डैम के वाटर लेवल की सूचना