रायपुर
वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरो तथा जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरो के मध्य मानदेय विसंगति और इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टरों को दिये जा रहे कम मानदेय को लेकर आईएमए के पूर्व प्रेजिडेंट एवं हॉस्पिटल बोर्ड के प्रेजिडेंट डॉ राकेश गुप्ता के नेतृत्व में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से मुलाकात कर इस वेतन विसंगति की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए इसे तत्काल दूर करने का अनुरोध किया।
डॉ राकेश गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में इंटर्न डॉक्टर्स को 12500 मासिक मानदेय दिया जा रहा है वह देश में दिये जा रहे राज्यों में सबसे कम है। वर्ष 2014 के बाद से इसमे किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई है। इसके अलावा पीजी रेजिडेंट का स्टाइपेंड भी दूसरे राज्यो से कम है, इसको लेकर कई बार मुलाकात और बैठके हुई है पर अब तक उचित समाधान अब तक नही हुआ है।
जुडो अध्यक्ष डॉ प्रेम चौधरी ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का ध्यान वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरो तथा जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरो को दिये जा रहे मानदेय विसंगति की ओर आकृष्ट कराते हुए बताया कि एमडी / एमएस पास हो जाने के बाद सरकार उनसे 2 वर्ष का बांड करवाती है। उसमें जो मानदेय मिल रहा है वो जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स से भी कम मिलता है ये कैसे संभव है कि जूनियर रेजिडेंट जो अभी पीजी कर रहे है उसको ज्यादा मानदेय और जो पीजी के बाद एमडी/एमएस कर चुका है और वो सीनियर रेजिडेंट है उसको उसके जूनियर से कम मानदेय। एमडी / एमएस का मानदेय इतना कम कही, देश के किसी राज्य में नही है जितना छत्तीसगढ़ में है। पीजी करने के बाद बांड भी यहां 2 साल है जबकि दूसरे राज्यों में यहां से कम है।
स्वास्थ्य मंत्री ने मुलाकात करने आये डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल की मांगो को उचित बताया और उसको वित्त मंत्रालय में भेजने की अनुशंसा की है। बेसिक डिमांड पूरी न होने पर जुडो और इंटर्न एसोसिएशन ने बताया कि मजबूरीवस हड़ताल करना पड़ेगा जिसका असर सीधा मरीजो के इलाज पर पड़ेगा, जिनकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इस अवसर पर डॉ अमन अग्रवाल, डॉ गौरव परिहार, डॉ आयुष वर्मा, डॉ व्योम अग्रवाल, डॉ सत्यम जैन, डॉ कंवरजीत, डॉ हिमांशु सिन्हा, डॉ आशुतोष पांडेय एवं पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज यूजी के प्रेजिडेंट डॉ गगनमोहन छाबड़ा उपस्थित रहे।