नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सर्वर डाउन होने के चलते मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। बृहस्पतिवार को ओपीडी से लेकर जांच के लिए आए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। ऑनलाइन जांच रिपोर्ट मिलने में भी उन्हें परेशानी हुई। हालांकि, दोपहर 12 बजे के बाद सर्वर की समस्या दूर हो गई।
सर्वर डाउन होने के कारण सुबह से ही पर्ची बनाने, रिपोर्ट जरनेट करने, आने-जाने वाले मरीजों, लैब समेत अस्पताल की सभी सेवाएं मैनुअल मोड पर चलाई गईं। ऐसा होने से सामान्य काम के लिए भी मरीजों को घंटों परेशान होना पड़ा। दूसरी ओर, चिकित्सकों को भी मरीजों की रिपोर्ट देखने में परेशानी हुई। जांच के दौरान मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। सैंपल के लिए बारकोड सृजित नहीं हो पाया।
सर्वर और ई-अस्पताल मरम्मत के लिए किया गया बंद
मरीजों ने बताया कि सुबह पर्ची बनाने की लाइन में दो बार काम रोक दिया गया। कहा गया कि सर्वर शुरू होने के बाद फिर से पर्ची बनाई जाएगी। बाद में मैनुअल ही काम किया गया। इस बारे में एम्स की मीडिया प्रमुख डा. रीमा दादा ने कहा कि एम्स का सर्वर और ई अस्पताल को मरम्मत के लिए बंद किया गया है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि मरम्मत बहाना है, दरअसल सर्वर में कुछ परेशानी हुई है, एम्स प्रशासन इस पर खुलकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। एम्स का सर्वर मंगलवार रात से ही डाउन चल रहा है। इससे रोजाना का कामकाज प्रभावित हो रहा है। एम्स में हर रोज 10 से 12 हजार मरीज आते हैं।
घंटों भटकते रहे मरीज
पंजीकरण से लेकर जांच ऑनलाइन होती है। उन्हें परेशानी उठानी पड़ रही है। पिछले वर्ष नवंबर महीने में एम्स में रैनसमवेयर हमला हुआ था। इससे कई दिनों तक आनलाइन कार्य बाधित रहे थे। मशक्कत के बाद सुधार तो कर लिया गया, लेकिन एम्स के सर्वर में अब भी परेशानी आती है। ओपीडी से लेकर जांच के लिए आए मरीजों को घंटों करना पड़ा इंतजार, आनलाइन जांच रिपोर्ट मिलने में भी हुई परेशानी, भटकते रहे तीमारदार।