नई दिल्ली। दिल्ली की प्रदूषित हवा में कोई सुधार नहीं हो रहा है। बीते कई दिनों से दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में प्रदूषण बुरी तरह से छाया नजर आ रहा है। यहां की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। बीते बृहस्पतिवार को भी कमोबेश यही स्थिति बरकरार रही और आज भी हालात जस के तस बने हुए हैं।
राजधानी के 14 इलाकों का एक्यूआइ 400 पार यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया। अगले दो तीन दिनों तक दिल्ली को प्रदूषण से राहत मिलने के आसार भी नजर नहीं आ रहे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, बृहस्पतिवार को दिल्ली का एक्यूआइ 390 रहा। वहीं शुक्रवार की सुबह यह आंकड़ा 450 पहुंच गया। इस स्तर की हवा को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन यह ‘गंभीर’ श्रेणी से सिर्फ 10 अंक नीचे है। एक दिन पहले बुधवार को यह 395 रहा था, यानी 24 घंटे के भीतर पांच अंकों की मामूली गिरावट आई, लेकिन आज फिर से एक्यूआई में तेजी से उछाल आया। बवाना दिल्ली का सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा, जहां का एक्यूआइ 450 रहा जबकि दूसरा नंबर जहांगीरपुरी का रहा। यहां का एक्यूआइ 439 दर्ज किया गया।
हवा सामान्य से साढ़े तीन गुना ज्यादा जहरीली
मानकों के अनुसार, हवा में पीएम 10 का औसत स्तर 100 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 60 से कम होना चाहिए। तभी उसे स्वास्थ्य के लिए हितकर माना जाता है। लेकिन बृहस्पतिवार को दिल्ली की हवा में शाम चार बजे पीएम 10 का औसत स्तर 355 और पीएम 2.5 का स्तर 206 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। हवा में प्रदूषण कणों का स्तर मानकों से साढ़े तीन गुना से भी ज्यादा है।
तीन दिनों तक राहत के आसार नहीं
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा तैयार वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, अगले तीन चार दिनों के बीच हवा की गति आमतौर पर दस किमी से नीचे रहने की संभावना है। इससे प्रदूषक तत्वों का बिखराब नहीं हो पा रहा है। शनिवार को एक्यूआइ ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है।
पराली की परेशानी बरकरार
पराली ने राजधानी को बृहस्पतिवार को पांच प्रतिशत प्रदूषित किया। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में इसके करीब 800 मामले दर्ज किए गए। 15 नवंबर को पराली प्रदूषण 23.39 प्रतिशत रहा था। 21 नवंबर को यह नौ प्रतिशत से अधिक रहा था। आइआइटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के मुताबिक शुक्रवार को पराली प्रदूषण चार प्रतिशत और शनिवार को तीन प्रतिशत रह सकता है।
इन इलाकों में चार सौ पार पहुंचा AQI
जहांगीरपुरी – 426
आनंद विहार- 407
अशोक विहार-420
बवाना 450
द्वारका-400
जहांगीरपुरी-439
आरके पुरम-422
वजीरपुर-443
विवेक बिहार-435
ऐसे तय किया जाता है AQI
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है। वहीं, 51 और 100 के बीच एक्यूआई का ‘संतोषजनक’, वहीं, 101 और 200 के बीच को एक्यूआई को ‘मध्यम’ तो 201 और 300 के बीच एक्यूआई को खराब श्रेणी में गिना जाता है। यदि एक्यूआई 301 और 400 के बीच आता है तो यह सबसे खराब श्रेणी में गिना जाता है। 450 से ऊपर दर्ज एक्यूआई को गंभीर प्लस माना जाता है।