हमीरपुर में दो पत्रकारों को बंधक बनाना, नग्न कर पीटना,प्रशासन पर ?
ब्यूरो बांदा
बांदा – आज कार्य दिवस में राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद रजि० बांदा के नेतृत्व में लगभग आधा सैकड़ा पत्रकारों ने उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को संबोधित छः सूत्रीय ज्ञापन द्वारा जिलाधिकारी बांदा को सौंपते हुए मांग की है। उत्तर प्रदेश के जनपद फतेहपुर निवासी ए0एन0आई0 न्यूज एजेंसी के युवा पत्रकार दिलीप सैनी जी की 31 अक्टूबर 2024 को चाकू व गोलियों से हत्या कर दी गई थी। उल्लेखनीय है कि मृतक पत्रकार दिलीप सैनी के आश्रित दो नाबालिक बच्चे हैं। उनकी विधवा धर्ममत्नी सरकारी नौकरी में राजधानी लखनऊ में पदस्थ है। दूसरी तरफ हमीरपुर जिले में दो पत्रकारों को बंधक बनाकर तथा उन्हें नग्न कर पीटा गया लेकिन शासन- प्रशासन स्तर से कोई कठोर कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। ऐसी घटनाओं पर राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद रजि० बांदा द्वारा रोष प्रकट करता है,ये घटनाएं कहीं न कहीं उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं सरकार की पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। आए दिन पत्रकारों के साथ कोई न कोई अप्रिय घटनाएं होती रहती हैं और शासन- प्रशासन पत्रकारों के साथ खड़ा नहीं होता । बल्कि कानूनी कार्यवाही के चक्कर में पत्रकारों को परेशान किया जाता है, वैसे तो पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। लेकिन पत्रकारों के पास कोई विशेषाधिकार न होने की वजह से और प्रशासन का सहयोग न मिलने से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में जी रहे लोग दबाए जा रहे हैं तथा झूठी एफ0आई0आर0 के जरिए प्रताड़ित किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद रजि० बांदा आपसे निम्न मांग को शीघ्रता से निष्पादित करने की मांग करता है-
1- पत्रकारों पर हो रहे अत्याचारों के लिए शासन-प्रशासन उनको सुरक्षा मुहैया कराए।
2- पत्रकारों पर झूठे आरोप लगाकर बिना कोई ठोस साक्ष्य के बिना जांच किए प्राथमिकी दर्ज न की जाए।
3- पत्रकारों के लिए एक नया सुरक्षा कानून बनाया जाए जिसमें कुछ विशेषाधिकार पत्रकारों के हित में दिए जाएं।
4- फतेहपुर एवं हमीरपुर में पत्रकारों के साथ हुई घटना को गंभीरता से लेकर आरोपियों को कठोरतम रूप से दंडित किया जाए।
5-फतेहपुर में हुए पत्रकार की हत्या पर सरकार से 500000/- लाख मुवावजे की संगठन मांग करता है।
6-पत्रकारों द्वारा शासन प्रशासन को अवगत कराए जाने पर संबंधित मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पादित किए जावे।