किसानों को आधुनिक कृषि व तकनीक की जानकारी देने हेतु विकसित कृषि संकल्प अभियान आज से शुरू
बदायूँ: 28 मई। उप कृषि निदेशक मनोज कुमार ने जानकारी देते बताया कि खरीफ मौसम में उगायी जाने वाली प्रमुख फसलों से सम्बन्धित आधुनिक कृषि तकनीकों एवं जलवायु परिवर्तन प्रभावरोधी कृषि पद्वतियों की जानकारी कृषकों को प्रदान करने हेतु विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 को एक मिशन के रूप में चलाया जायेगा। यह अभियान 29 मई 2025 से प्रारम्भ होकर 12 जून 2025 के मध्य आयोजित किया जायेगा। उन्होेने कृषकों से अपील की है कि उनके ग्राम में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में सहभागिता कर नवीन तकनीकी एवं योजनाओं की जानकारी प्राप्त करे।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के आयोजन हेतु जिलाधिकारी के निर्देशन में जनपद के समस्त विकास खण्डों में 3 टीमों का गठन किया गया है। जिनके द्वारा प्रतिदिन 9 ग्रामों में कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें जिसका समय प्रातः 8ः00 बजे से पूर्वान्ह 11ः00 बजे तक, पूर्वान्ह 11ः30 बजे से अपरान्ह 2ः30 बजे तक एवं अपरान्ह 3ः00 बजे से सायं 6ः00 बजे तक आयोजन किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई0सी0ए0आर0) के संस्थानों, के0वी0के0, कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकगण तथा प्रदेश सरकार के कृषि, उद्यान, गन्ना, पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता, रेशम, सिचाई विभाग एवं लीड बैक मैनेजर व वित्तीय संस्थाओं के अधिकारी व कर्मचारी प्रशिक्षक की भूमिका में कार्य करेगें। कृषि विज्ञान केन्द्र, आई0सी0ए0आर0 के संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गयी नवीन व उन्नत कृषि तकनीकों तथा कृषि में किये जा रहे नवाचारों की जानकारी के साथ-साथ राज्य एवं केन्द्र पोषित योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध करायी जाएगी।
उन्होंने अभियान के उद्देश्य के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्र विशेष के लिए खरीफ मौसम में उगायी जाने वाली प्रमुख फसलों से सम्बन्धित आधुनिक तकनीकों एवं उन्नत कृषि पद्वतियों के बारे में किसानों को जागरूक करना। किसानों को उनके लिए उपयोगी विभिन्न सरकारी योजनाओं तथा नीतियों के बारे में जागरूक करना। किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझायी गयी विभिन्न फसलों के चयन तथा संतुलित खादों के प्रयोग के लिए जागरूक एवं प्रशिक्षित करना। पी0एम0 किसान सम्मान निधि योजना के नए पात्र अवशेष लाभार्थियों का पंजीकरण, ई-के0वाई0सी0, आधार सीडिंग एवं अन्य फसन ऋण से सम्बन्धित निदान प्रदान करना। किसानों के फीडबैक के आधार पर अग्रेतर कार्यवाही करना।
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