ग्वालियर। मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई भाजपा नेता लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं और मतदाताओं को पार्टी के कामकाज से अवगत करा रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समाज के हर एक वर्ग को साधने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज को अमूमन हर एक जनसभा में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि जनता के आशीर्वाद से भाजपा सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। शायद यही वजह है कि वो लगातार लोकार्पण और उद्घाटन से जुड़े हुए विकासकार्यों में जुटे हुए हैं।
इसी बीच जागरण की टीम ग्वालियर-चंबल इलाके में भाजपा के विकासकार्यों की जमीनी हकीकत जानने के लिए निकली, जहां पर ऐसा प्रतीत हुआ कि अधिकतर लोग ‘मामा’ से खुश हैं और वो एक बार फिर से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते हुए देखना चाहते हैं। हालांकि, ऐसे भी लोग हैं, जो प्रदेश में परिवर्तन की बात कर रहे हैं। ऐसे में जागरण की टीम ने ग्वालियर के विकासकार्यों का जायजा लिया।
स्मार्ट सिटी ग्वालियर की सीईओ नीतू माथुर ने बताया कि 2016 में ग्वालियर को स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया था, जिसके बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छता, प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में कामकाज हुआ। साथ ही शहर को स्मार्ट बनाने के लिए कामकाज लगातार जारी है। दरअसल, हम अपनी विरासत को संरक्षित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन का ऑफिस एक पुरानी इमारत ‘मोती महल’ का हिस्सा है और यह हमारी टैग लाइन ‘विरासतों का संरक्षण और विकास का दर्पण’ से बिल्कुल मेल खाता है।
चौराहों पर हो रही निगरानी
नीतू माथुर ने बताया कि अबतक हमने ग्वालियर के 31 चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों के साथ ही स्पीड सेंसर भी लगाए हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना से पहले ग्वालियर में ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए काफी ज्यादा मैनपावर का इस्तेमाल होता था, लेकिन ट्राफिक मैनेजमेंट सिस्टम व्यवस्था की गई। हेलमेट, लाल बत्ती उल्लंघन, स्पीड से जुड़ी समस्याओं पर ई-चालान सिस्टम के जरिए चालान जारी होता है और चालक तक वॉट्सऐप और फोन की मदद से चालान पहुंचता है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि इस सिस्टम के लागू होने के बाद दुर्घटनाओं में भारी कमी आई है और यहां की जनता ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगी हैं। ग्वालियर स्मार्ट सिटी रेवेन्यू कलेक्शन के मामले में प्रदेश में सबसे अव्वल है, इसी के चलते नगरीय प्रशासन विभाग का सबसे प्रतिष्ठित आइजैक अवार्ड भी ग्वालियर स्मार्ट सिटी को मिला है।
पुरानी लाइब्रेरी को बनाया स्मार्ट
नीतू माथुर ने बताया कि ग्वालियर की एक हैरिटेज बिल्डिंग में एक पुरानी लाइब्रेरी थी, जिसकी हालत काफी खस्ता थी, उसे हमने डिजिटाइज करने की कोशिश की है। पुराने दस्तावेजों को संरक्षित किया है और लाइब्रेरी को स्मार्ट बनाया।