नई दिल्ली: अगले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह उनका पांचवां बजट होगा। बजट पर देशभर की निगाहें होती हैं। इसमें ऐसे कई ऐलान होते हैं जिनका कारोबार और व्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है। बजट से अक्सर उद्योगपतियों का नफा-नुकसान जुड़ा होता है। कई वित्त मंत्री तो बड़े-बड़े दिग्गजों के सिर का दर्द भी बन चुके हैं। विश्वनाथ प्रताप सिंह भी उन्हीं में शामिल थे। उन दिनों राजीव गांधी सरकार में वीपी सिंह वित्त मंत्री होते थे। वित्त मंत्री रहते हुए वीपी सिंह ने ऐसा इंतजाम किया था कि रिलायंस के संस्थापक धीरूभाई अंबानी और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन तक की नींद उड़ गई थी। नौबत यह आ गई कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपने वित्त मंत्री को हटाना पड़ा था। यह पूरा किस्सा बेहद दिलचस्प है। राजीव गांधी के बाद वीपी सिंह जब प्रधानमंत्री बने तो भी धीरूभाई अंबानी से उनकी तकरार कायम रही।
यह बात हर कोई जानता था कि वीपी सिंह के साथ धीरूभाई के रिश्ते अच्छे नहीं थे। मई 1985 में वीपी सिंह ने अचानक प्यूरिफाइड टेरेपथैलिक एसिड के आयात पर रोक लगा दी थी। कच्चे माल के तौर पर पॉलियस्टर फिलामेंट यार्न बनाने के लिए यह जरूरी था। इसने रिलायंस के लिए ऑपरेशंस चलाना मुश्किल कर दिया था। ऑपरेशंस को जारी रखने के लिए रिलायंस को बहुत मशक्कत करनी पड़ी थी।