नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) अगले हफ्ते केंद्रीय बजट (Union Budget 2023-24) पेश करेंगी। आजादी के बाद से अलग-अलग दलों के वित्त मंत्रियों ने बजट पेश किया है। इनमें से कई को लोगों ने सराहा तो तमाम को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इन सालों में सरकारों ने इनकम टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए। 1955-56 के केंद्रीय बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने शादीशुदा और अविवाहितों के लिए अलग-अलग इनकम टैक्स स्लैब (Separate Income Tax Slab for Married-Unmarried) पेश किया था। फैमिली अलाउंस की स्कीम शुरू करने के लिए ऐसा किया गया था। इसके अलावा यह पहला मौका था जब बजट स्कीम का हिंदी वर्जन भी लाया गया था। उसी के बाद से एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट का हिंदी वर्जन और एक्सप्लेनेटरी मेमोरेंडम सर्कुलेट किया जाता है।
1. 0 से 2,000 रुपये टैक्स स्लैब – देय: कोई इनकम टैक्स देय नहीं
2. 2,001 रुपये से 5,000 रुपये टैक्स स्लैब – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में नौ पाई
3. 5,001 रुपये से 7,500 रुपये टैक्स स्लैब – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में एक आना और नौ पाई
4. 7,501 रुपये से 10,000 रुपये टैक्स स्लैब – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में दो आना और तीन पाई
5. 10,001 रुपये से 15,000 रुपये टैक्स स्लैब – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में तीन आना और तीन पाई
6. 15,001 रुपये और उससे ज्यादा – देय इनकम टैक्स : रुपये में चार आने
1. 0 से 1,000 रुपये- देय इनकम टैक्स रेट: कोई इनकम टैक्स नहीं
2. 1,001 रुपये से 5,000 रुपये – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में नौ पाई
3. 5,001 रुपये से 7,500 रुपये – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में एक आना और नौ पाई
4. 7,501 रुपये से 10,000 रुपये – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में दो आना और तीन पाई
5. 10,001 रुपये से 15,000 रुपये – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में तीन आने और तीन पाई
6. 15,001 रुपये और उससे ज्यादा – देय इनकम टैक्स रेट: रुपये में चार आने