पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को रेप केस में एमपी एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है. पूर्व मंत्री के खिलाफ उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का गंभीर मामला दर्ज कराया था. हालांकि सुनवाई के दौरान शिष्या की ओर से लगाए गए सारे आरोप झूठे पाए गए. कोर्ट ने गुरुवार को स्वामी चिन्मयानंद दोषमुक्त करार दिया.
चिन्मयानंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और मुमुक्षु आश्रम के प्रमुख रहे हैं. चिन्मयानंद के खिलाफ एक शिष्या ने 2011 में शाहजहांपुर चौक कोतवाली में रेप का मामला दर्ज कराया था. लड़की का आरोप था कि स्वामी चिन्मयानंद ने स्टॉफ की मदद से मुमुक्ष आश्रम में उसे बंधक बनाया. उसके साथ कई बार रेप किया. हालांकि बीजेपी सरकार आने के बाद 2018 में केस वापस लेने की कार्यवाही प्रारंभ की गई थी. पीड़िता ने अदालत में इस पर विरोध दर्ज कराया. पीड़िता की आपत्ति के बाद अदालत ने केस वापसी की याचिका खारिज कर दी थी.
बाद में यह केस एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. सरकारी पक्ष ने इस केस में 6 गवाह पेश किए थे. वहीं बचाव पक्ष में स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता फिरोज हसन और मनेंद्र सिंह ने गवाहों से जिरह की. लंबी सुनवाई के बाद चिन्मयानंद पर लगे आरोप झूठे पाए गए. अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया और स्वामी चिन्मयानंद को दोष मुक्त कर दिया.