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समाज में लिंग,जाति,धर्म,पहचान के आधार पर भेदभाव व हिंसा मुक्त सुरक्षित जीवन हेतु,पांच दिवसीय अभियान
नरैनी(बाँदा)। -सामाजिक भेदभाव और हिंसा के विरुद्ध ‘जागते रहो’ पांच दिवसीय अभियान तहसील परिसर नरैनी से उपजिलाधिकारी नरैनी सत्यप्रकाश ने हरी झंडी दिखाकर रवाना कर अभियान की सफलता के लिए शुभकामनाये दी।
संस्था के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार ने बताया कि यह अभियान 20 गाँव में सघन रूप से चलाया जा रहा है तथा पहले दिन 12 फरवरी को गहबरा, नौगवा तथा गुढ़ा गाँव में समुदाय स्तर पर सार्वजनिक बैठक करके गीत संगीत, परिचर्चा व नारों के साथ सामाजिक भेदभाव, हिंसा के विभिन्न विषयों पर जानकारी दी गई. उन्होंने समाज में लिंग, जाति, धर्म, पहचान के आधार पर भेदभाव व हिंसा मुक्त सुरक्षित जीवन जीने के संवैधानिक अधिकारो के बारे में चर्चा किया। कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर जगदीश लाल ने बताया कि व्यापक जागरूकता अभियान चलाकर वर्तमान समय में मानव से मानव के बीच सहजीवी साझी संस्कृति को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ चलाया जा रहा है। उनके निम्न गीत पर समुदाय के लोग बहुत भाऊक हो गए –
हल चलाकर खेतो को मैने ही सजाया रे,गेहूं, धान, मक्के को मैने ही उगाया रे। मेरे लिए न्याय नहीं रे।
सहयोगी संस्था संस्कार सेवा समिति से सुरेश कुमार ने पढ़ लो संविधान, पढ़ लो संविधान, मिल जाईए तोर अधिकार रे गीत के माध्यम से अपनी बात रखा।
रानी अहिरवार ने वर्तमान समय में मानव से मानव के बीच सहजीवी साझी संस्कृति को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस अवसर पर सुरेश कुमार, जगदीश लाल, फील्ड फैसिलिटेटर मिथला, राजेन्द्र प्रसाद, शिवदेवी, सूर्यप्रकाश, मनीष कुशवाहा, रानी अहिरवार, राजेंद्र वर्मा, महेन्द्र कुशवाहा तथा जागेश्वर प्रसाद आदि उपस्थित रहे।
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