मनमाने तरीके से नियम विरूद्ध कार्य कराने और नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप
गालियों से परेशान होकर जिला पंचायत कर्मियों ने कार्यालय में डाला ताला
सामूहिक अवकाश के लिए अपर मुख्य अधिकारी को भेजा पत्र
ललितपुर। लम्बे समय से गाली-गलौज और अभद्रता का सामना कर रहे जिला पंचायत में तैनात कर्मचारियों ने आखिरकार सामूहिक अवकाश का फैसला ले लिया और कार्यालय में ताला डालकर अपने-अपने घर चले गये। प्रकरण को लेकर जिला पंचायत में तैनात कर्मियों ने अपर मुख्य अधिकारी को पत्र लिखकर जिला पंचायत अध्यक्ष पर कई गम्भीर आरोप लगाये हैं। दिन-दहाड़े जिला पंचायत कार्यालय में ताला डाले जाने की घटना ने शहर में चर्चाओं का बाजार और गर्म कर दिया। पत्र में जिला पंचायत अध्यक्ष पर मनमाने तरीके से कार्य कराने, गाली-गलौज कर अभद्रता करने, नौकरी से निकलवाने, मार्च के बाद जूता चलने की धमकी देने और मारपीट पर आमादा होने तक के आरोपों को स्पष्ट अंकित किया गया है।
अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को लिखे पत्र में कर्मचारियों ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा कर्मचारियों को नियम व शासनादेशों के विरूद्ध कार्य करने के लिए दबाव बनाया जाता है और मनमाफिक कार्य न करने पर प्रतिदिन किसी न किसी कर्मचारी से गाली-गलौज और अभद्रता की जाती है। कर्मियों का आरोप है कि अध्यक्ष द्वारा बोर्ड बैठक में प्रस्ताव डालकर व अनियमित तरीके से निलम्बित करने की धमकियां भी दी जाती हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष पर अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर सार्वजनिक अवकाशों को अतिक्रमित करने, उपस्थिति रजिस्टर पर अवकाश प्राप्त कर्मियों को मनमाफिक कुछ भी अंकित कराये जाने, कार्यालय समय गुजरने के बाद भी रात्रि 9 से 10 बजे तक कर्मियों को जबरन कार्यालय में रोकने और कक्ष में बुलाकर गालियां देते हुये अभद्रता करने के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकार जो कि निहित है में अध्यक्ष पर नियमों की धज्जियां उड़ाने जाने जैसे गंभीर आरोप लगाये गये हैं।
कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी मणीन्द्र सिंह व अर्जुन सिंह को अपने कक्ष में बुलाकर गालियां दिये जाने और मारपीट करने का प्रयास किया गया। इसके अलावा लेखकार हीरालाल को कक्ष में बुलाकर धमकाने के साथ-साथ जिला पंचायत के अवर अभियंताओं से अपने चहेते ठेकेदारों के नियम विरूद्ध भुगतान करने के लिए दबाव बनाये जाने का भी आरोप लगाया गया है। साथ ही मार्च 2025 के बाद जूता चलने की धमकी दी गयी। कर्मचारियों ने आगे बताया कि कुछ समय पहले विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता व टाउन प्लानर जो कि जिला पंचायत आये थे उनके समक्ष भी बाहर कैम्पस में खड़े होकर गालियां दी गयी थीं, जिसे कई लोगों ने सुना। आरोप लगाया कि जिला पंचायत में एक राजकीय वाहन है तथा 2 ड्राईवर कार्यरत हैं, जिनमें से एक ड्राईवर लालराम को अपने पुत्र के निजी वाहन चलाने के लिए पिछले दो वर्षों से लगाया गया है। यदि अवकाश दिवस में ड्राईवर नहीं जाता है तो उसका वेतन रोकते हुये गालियां देकर अभद्रता की जाती है। यह भी बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अपने घर बुलाकर कमरे में बंद करके मारपीट की गयी, जिस कारण अब जिला पंचायत के कर्मचारियों में भय का माहौल व्याप्त है। जिला पंचायत के सभी कर्मचारियों ने अध्यक्ष के खिलाफ लामबंद होकर अपर मुख्य अधिकारी को पत्र लिखकर सामूहिक अवकाश पर जाने के लिए मांग की है। पत्र देने के बाद सभी कर्मचारी जिला पंचायत कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला डालकर अपने-अपने घर चले गये। पत्र पर प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नायक, संजय जैन, बलवीर, राकेश कुमार, अंकित, स्वतंत्र, हृदय नारायण, पी.पी.सिंह, हीरालाल यादव, रियाज अहमद, लालाराम, नीलेन्द्र, अमितेन्द्र कुमार पाण्डेय, राजीव, हरीशंकर के अलावा अनेकों कर्मचारियों के हस्ताक्षर अंकित बताये गये हैं।