नई दिल्ली: चिप बनाने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी इंटेल (Intel) के को-फाउंडर गॉर्डन मूर (Gordon Moore) का निधन हो गया है। वह 94 साल के थे। कंप्यूटर चिप डेवलपमेंट के बारे में उनकी थियरी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर मानी जाती है। मूर ने 1968 में इंटेल की स्थापना की थी जो एक समय दुनिया में सबसे ज्यादा सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनी थी। दुनिया के 80 परसेंट पर्सन कंप्यूटर्स पर इसी कंपनी के बनाए माइक्रोप्रोसेसर (microprocessor) लगे हैं। इसे कंप्यूटर का दिमाग कहा जाता है। मूर 1975 से 1987 तक इस कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रहे थे। आज भी इंटेल और चिप बनाने वाली दूसरी कंपनियां मूर के नियमों के मुताबिक प्रॉडक्ट्स डेवलप करती हैं। उन्होंने 1965 में बताया था कि किसी कंप्यूटर चिप में ट्रांजिस्टर्स की संख्या हर साल दोगुनी हो जाती है। कंप्यूटर चिप ही इलेक्ट्रॉनिक डेवाइस की स्पीड, मेमोरी और क्षमता को निर्धारित करती है।
मूर ने साल 1975 में इस नियम को रिवाइज किया था। लेकिन यह आज भी चिप इंडस्ट्री के लिए पैमाना बना हुआ है। आईफोन बनाने वाली अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एपल (Apple) के सीईओ टिम कुक (Tim Cook) ने मूर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह सिलिकॉन वैली (Silicon Valley) के फाउंडिंग फादर्स में से एक थे। वह एक विजिनरी थे जिन्होंने तकनीकी क्रांति में मदद की। इसी तरह गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने कहा कि उनके विजन ने हममें से कई लोगों को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वह मेरे लिए प्रेरणास्रोत थे।
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मूर ने 1954 में कैलटेक से फिजिक्स और केमिस्ट्री में डॉक्ट्रेट की डिग्री ली थी। उन्होंने Shockley Semiconductor Laboratory में काम किया। 1957 में मूर और उनके सात अन्य सहयोगियों ने Fairchild की स्थापना की। Shockley ने इन लोगों को आठ गद्दार (Traitorous Eight) नाम दिया था। इनमें Robert Noyce भी शामिल थे। Noyce ने 1950 के दशक में इंटिग्रेटेड सर्किट बनाने में मदद की थी। इसे आज भी चिप डिजाइन का आधार माना जाता है। Noyce का 1990 में निधन हो गया था।