विभागीय नकारापन के चलते महीने मे एक दो बार ही खुलता है CHO शाहपाटन
बांदा- वर्तमान में शासन प्रशासन भले ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य समस्या के निराकरण के लिये ऐड़ी चोटी का जोर लगाकर तरह तरह की ब्यवस्थायें लोगों को मुहैया कराने में रात दिन एक कर करोड़ों का बजट क्यों ना पेश कर दे जब जिले से लेकर निचले स्तर तक विभागीय जिम्मेदारों द्वारा सरेआम भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा हो तो शासन की सारी महत्वपूर्ण योजनायें कहीं ना कहीं दम तोड़ती नजर आती हैं कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला बांदा जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नरैनी अंतर्गत संचालित ग्राम शाहपाटन स्वास्थ्य केन्द्र में जहाँ पर स्वास्थ्य सेवाओं की कमी लोगों के लिये एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुयी है। यहाँ पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया है की यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHO) जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों के नकारापन के चलते महीने में केवल एक या दो बार ही खुलता है, जिससे यहाँ के रहवासियों को मामूली इलाज के लिए भी दर-दर भटकना पड़ता है। यहां पर तैनात कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यह स्वास्थ्य केन्द्र अधिकतर बंद रहने के कारण यहाँ के लोगों को मामूली बीमारी जैसे सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार तक की दवा के लिए भी लोगों को दूर स्वास्थ्य समस्या से निजात पाने के लिये यहाँ से बहुत दूर नरैनी जाकर इलाज कराना पड़ता है।
रहवासियों ने बताया कि इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र की जिम्मेदारी चौ आकांक्षा पटेल के पास हैं |
यह समस्या न केवल शाहपाटन के लोगों के लिए है बल्कि आसपास के गांवों के हजारों लोगों के लिए भी एक बहुत बड़ी चुनौती है।इस स्वास्थ्य केन्द्र में सेवाओं की कमी के कारण लोगों को अपनी सेहत की चिंता करनी पड़ती है, और उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता है।
जबकि इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग को जल्द से जल्द कोई ठोस कदम उठाने की जरूरत है तथा ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की जरूरत है एवं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए और अधिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के साथ साथ निगरानी कर अकर्मण्य कर्मचारियों की नकेल कसने की जरूरत है, ताकि लोगों को समय पर और उचित इलाज मिल सके!