नई दिल्ली: आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में रूचि रखते हैं तो संभल जाइए। इसकी ट्रेडिंग पर लगाम लगाने तथा इसका दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने कड़ा फैसला किया है। अब क्रिप्टोकरेंसी या आभासी परिसंपत्तियों पर मनी लाउंडरिंग (Money Laundering) के प्रावधान लागू हो गए हैं। इस बार में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
क्या करना होगा
केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि क्रिप्टो लेनदेन, पास में रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं के लिए धनशोधन निवारण कानून (Prevention of Money-laundering Act, 2002) लागू किया गया है। ऐसे में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत (FIU-India) को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देनी होगी।
क्या होगा फायदा
चार्टर्ड अकाउंटेंट C.A. राजेश्वर पैन्यूली का कहना है कि यह बहुत जरूरी कदम है। देश में अब क्रिप्टोकरेंसी के जरिए किसी अवैध काम को अंजाम देना मुश्किल हो जाएगा। मोदी सरकार ने डिजिटल संपत्तियों की निगरानी कड़ी करने के मकसद से क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल संपत्ति पर धन शोधन रोधी प्रावधान लागू कर दिया है। केंद्र सरकार ने डिजिटल ऐसेट्स की निगरानी को कड़ा करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल डिजिटल ऐसेट्स पर मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधान लागू किए हैं। वित्त मंत्रालय ने 7 मार्च को जारी गजट नोटिफिकेशन में कहा कि क्रिप्टो लेनदेन, पास में रखने और संबंधित वित्तीय सेवाओं के लिए धनशोधन निवारण कानून लागू किया गया है। ऐसे में भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों को वित्तीय खुफिया इकाई भारत (एफआईयू-भारत) को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देनी होगी।
वैश्विक चलन के अनुरूप
उनका कहना है कि डिजिटल ऐसेट्स के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के कानूनों का पालन करने की अनिवार्यता का यह कदम वैश्विक चलन के अनुरूप है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों के दौरान ही डिजिटल ऐसेट्स दुनिया भर में लोकप्रिय हुई हैं। हालांकि, पिछले साल तक भारत के पास ऐसी ऐसेट्स को विनियमित करने या उन पर कर लगाने के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं थी। अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसी परिसंपत्तियों पर अब प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंडरिंग एक्ट, 2002 लागू होगा। मतलब कि इसमें फंसे तो आपके दरवाजे तक सीधे इनफोर्समेंट डाइरेक्टरेट या ईडी की दबिश होगी। यही संस्था देश में काले धन पर नजर रखती है।
ग्लोबल फ्रेमवर्क की वकालत
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ग्लोबल फ्रेमवर्क की वकालत की है। इसके साथ ही उन्होंने लोन की वैश्विक कमजोरियों को दूर करने और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की भी बात की ळै। वहीं देश का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अक्सर क्रिप्टोकरेंसी के लिए नए नियमों की वकालत करता रहा है और कहता रहा है कि ये पोंजी स्कीम के जैसी ही है।