चंडीगढ़। नियमित करने सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत गेस्ट टीचर्स अध्यापकों को मौलिक शिक्षा विभाग ने झटका दिया है। दिवंगत अतिथि अध्यापकों के परिजनों को 58 वर्ष की आयु तक वेतन देने के लिए 13 अक्टूबर को दिया गया आदेश रद्द कर दिया गया है। आश्रितों को एकमुश्त तीन लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी।
गेस्ट टीचर्स को अब मिलेगी एक मुश्त राशि
मौलिक शिक्षा निदेशक की ओर से कैथल, रोहतक, पलवल और फरीदाबाद के मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा गया है कि दिवंगत अतिथि अध्यापकों के परिजनों को 58 वर्ष की आयु तक वेतनमान देने के फैसले को रद्द किया जाता है। 28 जुलाई 2016 के फैसले के अनुसार दिवंगत अतिथि अध्यापक के आश्रितों को एकमुश्त तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही दिवंगत अतिथि अध्यापकों को दी जाने वाली सहायता राशि का ब्योरा मांगा है।
गेस्ट टीचर्स कर चुके हैं कई बार आंदोलन
बता दें कि अतिथि अध्यापक लंबे समय से एक्स-ग्रेसिया का लाभ देने की मांग को उठा रहे हैं। प्रदेश में करीब 12 हजार अतिथि अध्यापक कार्यरत हैं। इनमें से ज्यादातर अध्यापकों की उम्र 40 वर्ष से ज्यादा है। नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि अध्यापक कई बार आंदोलन कर चुके हैं। लिहाजा धरने-प्रदर्शन में घायल होने और बीमारी के चलते कई अतिथि अध्यापकों की मृत्यु हो चुकी है। अतिथि अध्यापकों द्वारा मृतक के परिजनों को नौकरी देने की मांग भी की जाती रही है।