उत्तर प्रदेश के कानपुर की क्राइम टीम ने साइबर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है. साइबर ठगों के गैंग का खुलासा करते हुए डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि कानपुर कैंट के रिटायर्ड सैन्य अधिकारी विनोद ने साइबर ठगी की शिकायत की थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच की साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की तो मामले का खुलसा हुआ. पुलिस ने भोपाल से ओबीसी मोर्चा के जिला अध्यक्ष रोहित सोनी को गिरफ्तार कर लिया.
डीसीपी क्राइम के मुताबिक साइबर ठगों का गैंग देशभर में अपना नेटवर्क फैलाए हैं और अब तक लगभग 20 करोड़ की ठगी को अंजाम दे चुका है. ठगी करने वाले गैंग पर अलग-अलग राज्यों में 235 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है. शातिर चोर सोशल मीडिया से लोगों के नंबर प्राप्त कर फर्जी ट्रेंडिंग व्हाट्सएप ग्रुप में ऐड करते थे, फिर कम पैसे में ज्यादा इनवेस्टमेंट के नाम पर लोगों को थोड़े समय प्रॉफिट देते थे और उनका भरोसा जीतकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस को पकड़े गए आरोपियों के पास से लैपटॉप, सिम, एटीएम कार्ड और बड़ी संख्या में दस्तावेज मिले हैं. डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, जांच में चीन, दुबई, आर्मेनिया सहित विदेशों में भी उनके नेटवर्क की जानकारी हुई है.
1 करोड़ 78 लाख 85 हजार रुपए की ठगी
कानपुर कैंट में रहने वाले विनोद कुमार से वाट्सएप के जरिए संपर्क किया औ एक वाट्सएप ग्रुप में जोड़कर शेयर मार्केट में निवेश कर भारी लाभ का लालच दिया. लाभ के संदेश देखने के बाद वह प्रभावित होकर उनके बताए टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ गया. जिसमें विनोद से समय-समय पर निवेश के नाम पर 1 करोड़ 78 लाख 85 हजार रुपए ले लिए गए. इसके बाद उनको ग्रुप से हटा दिया गया. पीड़ित को जब ठगी का अहसास हुआ तो उसने 20 जून 2024 को साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई.,
साइबर ठग लोगों के मोबाइल नंबर को सोशल मीडिया से निकाल लेते और उन्हें अपने बनाए फर्जी वाट्सअप ट्रेडिंग ग्रुप में जोड़ते हैं, जिसमें वो अपने ही ग्रुप के सक्रिय सदस्यों को भी जोड़ते थे. ठगी करने वाले गैंग के सदस्य ग्रुप में फर्जी प्रोफिट के मैसेज भेजा करते थे जिससे ग्रुप के अन्य सदस्य प्रभावित होकर इंवेस्टमेंट के लिए खुद ही ग्रुप में मैसेज डाल देते थे. शुरूआत में ग्रुप के कुछ सदस्यों को छोटी धनराशि प्रोफिट के नाम पर दे दी जाती थी जिससे उनका विश्वास जिता जा सके और बाद में उन्हे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया जाता था. और मुनाफे का लालच देकर ठगी की जाती थी.
अलग- अलग राज्यों में 238 शिकायतें
इनके ऊपर अलग-अलग राज्यों से कुल 238 शिकायत दर्ज हैं. बैंक खाते में अब तक लगभग 15 करोड़ रुपए का ट्रांजक्शन किया जा चुका है, सभी संदिग्ध ट्राजक्शन की जांच की जा रही है. पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी रोहित सोनी 8वीं फेल है, जोकि इस पूरी साइबर ठगी का मास्टरमाइंड है. पूछताछ में रोहित ने बताया कि उसने इंटरनेट, यूट्यूब और अपने दोस्तों से साइबर ठगी का तरीका सीखा. उसने अपना खुद का बैंक खाता खुलवाया, लेकिन साइबर रिपोर्टिंग के कारण वह खाता फ्रीज हो गया.
इन शहरों में लोगों को बनाया निशाना
आरोपी रोहित सोनी साइबर ठगी करने के बाद टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क कर अर्मेनिया, चाइना व दुबई में बैठे साइबर अपराधियों को पूरा पैसा यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) में भेजता था, बाद में वहां से अपना व खाताधारकों का कमीशन लेकर सभी को बांट देता था. कानपुर साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार ठगों ने भारत के कई राज्यों आंध्रप्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा , केरल , कर्नाटका, मेघालय, राजस्थान, तेलंगाना, झारखंड, बेस्ट बंगाल , महाराष्ट्र , ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश से मेरठ, आगरा, लखनऊ, चंदौली, गौतमबुद्ध नगर, मऊ , मुजफ्फर नगर, उन्नाव और कानपुर में साइबर ठगी की घटना को अंजाम दे चुके हैं.