*भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया*
महोबा ब्यूरो। जिला सूचना कार्यालय, महोबा ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि 11 मार्च 2025 को भारत निर्वाचन आयोग ने कानूनी ढांचे के भीतर चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।
भारत के चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल, 2025 तक ई0आर0ओ0, डी0ई0ओ0 या सी0ई0ओ0 के स्तर पर किसी भी अनसुलझे मुद्दे के लिए सुझाव आमंत्रित किए है।11 मार्च 2025 आज राजनैतिक दलों को जारी एक व्यक्तिगत पत्र में आयोग ने स्थापित कानून के अनुसार चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए परस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर पार्टी अध्यक्ष ऑन और पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत की परिकल्पना की है।
इससे पहले पिछले सप्ताह ई०सी०आई० सम्मेलन के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सी0ई0ओ0, डी0ई0ओ0 और ई0आर0ओ0 को राजनीतिक दलों के साथ नियमित बातचीत करने, ऐसी बैठकों में प्राप्त किसी भी सुझाव को पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर सख्ती से हल करने और 31 मार्च, 2025 तक आयोग को कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। आयोग ने राजनीतिक
दलों से विकेंद्रीकृत जुड़ाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करने का भी आग्रह किया। संविधान और वैधानिक ढांचे के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं को कवर करने वाले आयोग द्वारा पहचान गए 28 प्रमुख स्टेक होल्डरों में राजनीतिक दल भी एक प्रमुख स्टेक होल्डर है। राजनीतिक दलों को लिखे अपने पत्र में आयोग ने यह भी उल्लेख किया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 मतदाताओं का पंजीकरण नियम 1960 चुनाव संचालन नियम 1961 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों, मैन्युअल और हैंडबुक (ई०सी०आई०की वेबसाइट पर उपलब्ध) ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेंद्रीकृत मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित किया है।





