भोपाल। विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होते ही चुनाव आयोग का डंडा चलना शुरू हो गया है। बुधवार रात नौ बजे भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर दो जिलों के कलेक्टर और दो जिलों के पुलिस अधीक्षकों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया।
अतिरिक्त पुलिस अघीक्षकों को एसपी का प्रभार सौंपा
आयोग के निर्देश पर राज्य सरकार ने चारों अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश भी जारी किए और उनके अधीनस्थ अधिकारियों को तत्काल प्रभार भी सौंप दिया गया। जिला पंचायत सीईओ को कलेक्टर का प्रभार सौंपते हुए दोनों कलेक्टरों को राज्य मंत्रालय बुला लिया गया है। अतिरिक्त पुलिस अघीक्षकों को एसपी का प्रभार सौंपा गया है।
नेता प्रतिपक्ष ने की थी शिकायत
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा और रतलाम से नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी सहित गृह विभाग ने जबलपुर के पुलिस अधीक्षक तुषारकांत विद्यार्थी और भिंड के पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री को हटाकर पुलिस मुख्यालय में पदस्थ कर दिया। भिंड के पुलिस अधीक्षक को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने शिकायत की थी।
वहीं, जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को लेकर निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव के समय कांग्रेस ने शिकायतें की थीं। दोनों जिलों के कलेक्टर और जबलपुर और भिंड में नए पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना के लिए अब तीन-तीन नामों का प्रस्ताव निर्वाचन आयोग को भेजेगा और उसमें से नाम तय होने पर पदस्थापना की जाएगा।
शिकायतों को गंभीरता से लेने के बाद की गई कार्रवाई
तब तक के लिए दोनों जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को पुलिस अधीक्षक पद का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। सूत्रों के अनुसार भिंड जिले के लहार और मेहगांव विधानसभा में पुलिस अधीक्षक द्वारा जाति विशेष के थाना प्रभारी नियुक्त करने का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आयोग ने शिकायतों को गंभीरता से लिया और उसके निर्देश पर ही कार्रवाई की गई है।