कानपुर : कालपी रोड के फलजगंज से गोविंद नगर, चावला मार्केट और नंदलाल चौराहा तक जाम सबसे बड़ी समस्या है। दिन में तो हालत इतनी खराब होती है कि मरीजों को अस्पताल पहुंचाना भी मुश्किल हो जाता है।
जाम में फंसने से कई जानें जा चुकी हैं। ऐसा नहीं है कि शहर के उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों के बीच सुगम यातायात के लिए प्रयास नहीं हुए। योजनाएं बनीं लेकिन कागजों में ही दबी रह गईं। अगर इन प्रस्तावों को कागजों से निकालकर धरातल पर उतारते हुए एलीवेटेड पुल बनाया जा सके तो बड़ी राहत मिल सकती है।
एलीवेटेड पुल का खींचा गया खाका
अब इस दिशा में नई उम्मीद जगी है। कालपी रोड के फजलगंज से बर्रा बाईपास तक एलीवेटेड पुल का खाका खींचा गया है। इन दो हाईवे को बीचोबीच जोड़ने की बात केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री तक भी पहुंच गई है। कालपी रोड से फजलगंज होते हुए पुराना गोविंदपुरी पुल का रास्ता काफी घुमावदार है।
देखरेख के अभाव में जर्जर हुआ पुल
देखरेख के अभाव में पुल जर्जर हो गया है। साथ ही गोविंद नगर की तरफ फर्नीचार मार्केट के पास जल निकासी की व्यवस्था न होने से सड़क हमेशा खराब रहती है। यहां से आगे बढ़ते ही चावला मार्केट से लेकर नंदलाल चौराहा के बीच व्यस्त बाजार है, जहां आए दिन जाम लगता है। इसी तरह दीप तिराहा से परागडेरी तक भी जाम की समस्या आम है।
शहर के दक्षिण क्षेत्र में एक भी बड़ा चिकित्सकीय संस्थान नहीं है। आपात स्थिति में एंबुलेंस व निजी वाहन जाम से जूझते हुए जीएसवीएम मेडिकल कालेज, एलएलआर अस्पताल, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान पहुंचते हैं। यहां से एयरपोर्ट तक भी अच्छी कनेक्टिविटी नहीं है।
एयरपोर्ट तक भी चाहिए कनेक्टिविटी
शास्त्री नगर, विजय नगर, लापजत नगर, दर्शनपुरवा, फजलगंज, गोविंन नगर, साकेत नगर, निराला नगर, जूही से चकेरी एयरपोर्ट पहुंचने के लिए अभी जाम से जूझना पड़ता है। अगर एलीवेटेड फ्लाईओवर कालपी रोड के फजलगंज से पराग डेरी होते हुए बर्रा की तरफ बन जाए तो दोनों के बीच की आबादी को राहत मिलेगी। आसानी से एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे।
लखनऊ-दिल्ली-प्रयागराज के लिए वैकल्पिक मार्ग इस पुल के बनने से दोनों हाईवे से बेहतर कनेक्टिविटी हो जाएगी। दादानगर, पनकी, फजलगंज, इस्पात नगर औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों और शहर के दक्षिण क्षेत्र की आबादी के लिए वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। ट्रकों के दिल्ली, प्रयागराज या लखनऊ की ओर जाने के लिए नो इंट्री खत्म होने का इंतजार नहीं करेंगे।
यह है नियम
पीडब्ल्यूडी एनएच डिवीजन के अधिकारियों का कहना है कि दो हाईवे गुजर रहे हों और उनके 600 मीटर के दायरे में आबादी हो तो दोनों हाईवे को जोड़ने के लिए एलीवेटेड फ्लाईओवर बनाया जा सकता है।
04 किलोमीटर कालपी रोड फजलगंज से बर्रा बाईपास की दूरी
08 लाख आबादी इस क्षेत्र की होती है प्रभावित
1250 करोड़ रुपये है प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत
दो बार प्रस्ताव बना है, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। इसका इस बार का प्रस्तावित प्रोजेक्ट 1250 करोड़ रुपये का है। डीपीआर भी तैयार है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर समस्या बता चुके हैं। उन्होंने हाईवे की योजना के तहत नियामानुसार कार्य कराने का आश्वासन भी दिया है। -सुरेंद्र मैथानी, विधायक