ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट में अपने CEO पद पर बने रहने को लेकर एक पोल शुरू किया है। उन्होंने यूजर्स से पूछा कि क्या उन्हें अपने पद पर बने रहना चाहिए या उसे छोड़ देना चाहिए? अब तक ज्यादाकर यूजर्स ने उन्हें पद छोड़ने की सलाह दी है। मस्क ने अपने इस पोल के साथ ये भी लिखा कि वह पोल रिजल्ट का पालन करेंगे।
19 दिसंबर, 2022 को भारतीय समयानुसार सुबह 4:50 बजे ये पोल पोस्ट किया गया है। सुबह 11 बजे तक 1.18 करोड़ से ज्यादा यूजर्स वोट कर चुके हैं। 56% ने ‘हां’ में और 44% ने ‘नहीं’ में जवाब दिया है। अभी भी वोटिंग के लिए करीब 5 घंटे का समय बचा है।
ट्रंप का ट्विटर अकाउंट भी पोल की मदद से किया था बहाल
एलन
मस्क अक्सर कई मुद्दों पर फैसला लेने के लिए ट्विटर पोल की मदद लेते हैं।
मस्क ने कुछ समय पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्विटर
पर वापसी यानी उनका अकाउंट फिर से शुरू करने के लिए भी ट्विटर पोल के जरिए
लोगों की राय जानी थी। उन्होंने पोल में यूजर्स से पूछा था कि क्या पूर्व
प्रेसिडेंट ट्रंप का अकाउंट बहाल किया जाना चाहिए?। 1.5 करोड़ से ज्यादा
यूजर्स ने पोल में हिस्सा लिया और 52% लोगों ने हां में जवाब दिया था। इस
पोल के बाद मस्क ने ट्रंप का ट्विटर अकाउंट बहाल कर दिया था।
बड़े बदलावों से गुजर रहा ट्विटर
एलन
मस्क ने अक्टूबर में 44 बिलियन डॉलर, यानी 3.58 लाख करोड़ रुपए में ट्विटर
को खरीदा था। ट्विटर की कमान संभालने के बाद से एलन मस्क कंपनी में बड़े
बदलाव करने में जुटे हुए हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने छंटनी के पहले राउंड
में करीब 3,700 कर्मचारियों को निकाला था। छंटनी की शुरुआत उन्होंने CEO
पराग अग्रवाल के साथ की थी।
दूसरे प्लेटफॉर्म फ्री में प्रमोशन नहीं कर सकेंगे
इससे
पहले रविवार को ट्विटर ने घोषणा की थी कि फ्री में किसी अन्य सोशल मीडिया
प्लेटफार्म का प्रमोशन नहीं करेंगे। कंपनी ने कहा था, ‘अब हम अन्य सोशल
प्लेटफार्म्स और उनके कंटेट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाए गए ट्विटर
हैंडल्स को ब्लॉक करेंगे।
इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, मास्टोडन, टूथ सोशल जैसे प्लेटफॉर्म शामिल है। ट्विटर ने शनिवार को भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफार्म koo एप के अकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया था।
पत्रकारों के अकाउंट सस्पेंड करने का फैसला बदलना पड़ा था
ट्विटर
ने कुछ पत्रकारों के अकाउंट भी ब्लॉक कर दिए थे। UN महासचिव एंटोनियो
गुटेरेस ने शुक्रवार को इसकी आलोचना की थी। इसे उन्होंने अभिव्यक्ति की
आजादी की दृष्टि से खतरनाक मिसाल बताया था। हालांकि, कड़ी आलोचना के चंद
घंटों बाद ही मस्क ने फैसला वापस लेते हुए पत्रकारों के अकाउंट फिर शुरू कर
दिए थे।