नई दिल्ली: अगर आप नौकरी करते हैं तो अपना पीएफ अकाउंट (PF Account) जरूर चेक कर लें। देख लें आपके पीएफ में कंपनी पैसा जमा कर रही है या नहीं। नोएडा में कर्मचारियों के खाते में पीएफ (PF) जमा नहीं करने के आरोप में पुलिस ने एक फैक्ट्री के मालिक को गिरफ्तार किया है। मालिक पर कर्मचारियों के करोड़ों रुपये जमा नहीं करने का आरोप है। दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक, फेज-2 कोतवाली पुलिस ने एक फैक्ट्री मालिक को पकड़ा है। पुलिस ने आरोपी को उसकी फैक्ट्री सी-4 होजरी कांप्लेक्स के पास से गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) के करोड़ों रुपये जमा न कर गबन करने के संबंध में फेज-2 कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया था।
जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ा है। खबर के मुताबिक, कंपनी पेपर और प्रिंटिंग मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में काम करती है। कंपनी में 1500-2000 कर्मचारी काम कर रहे हैं। जांच में पता चला है कि फैक्ट्री के मालिक ने कई वर्षों से कर्मचारियों का पीएफ (PF) जमा नहीं किया है, जबकि कर्मचारियों की सैलरी से पीएफ (PF) लगातार काटा जा रहा था। बता दें कि देश की सभी कंपनियों को कर्मचारियों का पीएफ काटने के साथ उसे अकाउंट में जमा कराना जरूरी है।
पीएफ खाते में पैसा जमा कराना जरूरी
प्राइवेट जॉब करने वाले जिस कंपनी में काम करते हैं या जिस नियोक्ता के अंतर्गत काम करते हैं वहां पर उनका प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ (PF) के रुपये काटे जाते हैं। कंपनी फिर इसी पैसे को आपके पीएफ खाते में जमा कराती है। यह पैसा कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने काटा जाता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट खोले जाते हैं। इसमें कंपनी और कर्मचारी दोनों को कंट्रीब्यूशन देना होता है। EPFO के नियम के मुताबिक, नियोक्ता और कर्मचारी की ओर से पीएफ खाते में हर महीने बेसिक सैलरी और डीए का 12-12 परसेंट पैसा जमा कराया जाएगा। नियोक्ता की 12 परसेंट हिस्सेदारी में 8.33 परसेंट इंप्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) में जमा होता है और बाकी का 3.67 परसेंट पीएफ खाते में जाता है।
कंपनी पीएफ जमा न करे तो यहां करें शिकायत
कंपनी को अपने कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने पीएफ का पैसा काटना जरूरी है। अगर कंपनी सैलरी से पीएफ काटने के बाद उसे कर्मचारियों के खाते में न जमा कराए तो आप शिकायत कर सकते हैं। कर्मचारी को सबसे पहले ईपीएफओ में शिकायत दर्ज करानी होगी। शिकायत मिलने के बाद ईपीएफओ कंपनी की जांच करेगा। अगर जांच में शिकायत सही मिलती है तो फिर ईपीएफओ कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।