नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जुलाई में 19.94 लाख सदस्य जोड़े। यह अप्रैल, 2018 में पेरोल डाटा शुरू होने के बाद से अब तक की सबसे ज्यादा मासिक संख्या है। जहां तक शुद्ध रूप से नए सदस्यों की बात है तो इनकी संख्या 10.52 लाख है, जो जून की तुलना में 2.66 प्रतिशत और पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 2.43 प्रतिशत अधिक है।
श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि नई सदस्यता में उछाल का श्रेय रोजगार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के सफल आउटरीच कार्यक्रमों को दिया जा सकता है।
ईपीएफओ से बाहर निकलने वाले लगभग 14.65 लाख सदस्य जुलाई में फिर से संगठन से जुड़े। यह आंकड़ा साल-दर-साल 15.25 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। जुलाई में जुड़े 8.77 लाख सदस्य 18-25 वर्ष आयु वर्ग के हैं। 18-25 वर्ष की आयु के लगभग 6.25 लाख लोग पहली बार काम कर रहे हैं या नए सदस्य हैं। करीब 59.4 प्रतिशत नए सदस्य 18-25 वर्ष आयु वर्ग के हैं।
जुलाई में लगभग 3.05 लाख नई महिला सदस्य ईपीएफओ में शामिल हुईं, जो साल-दर-साल 10.94 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है। कुल मिलाकर, 4.41 लाख शुद्ध महिला सदस्य जोड़ी गईं, जो पेरोल ट्रैकिंग शुरू होने के बाद से एक महीने में महिलाओं की सबसे अधिक संख्या को दर्शाता है। जुलाई 2023 की तुलना में महिला सदस्यों में 14.41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
श्रम मंत्रालय के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा और गुजरात की हिस्सेदारी कुल सदस्यों में 59.27 प्रतिशत है। महाराष्ट्र से सबसे ज्यादा सदस्य जुड़े और कुल जुड़े नए सदस्यों में इसका योगदान 20.21 प्रतिशत रहा।
डेटा के अनुसार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा और गुजरात में कुल शुद्ध सदस्य जोड़ का 59.27 प्रतिशत हिस्सा है। महाराष्ट्र राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे आगे रहा, जिसने कुल नए सदस्यों में 20.21 प्रतिशत का योगदान दिया।