नयी दिल्ली: आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी देश के हर घर में अभी तक शुद्ध पेय जल (Safe Drinking Water) का इंतजाम नहीं हो पाया है। अभी भी ऐसे काफी गांव हैं, जहां पीने के पानी के लिए लोगों को मीलों पैदल चलना पड़ता है। ऐसे घरों में ही नल से जल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की शुरूआत की है। इस दिशा में तो पहले धीमी गति से काम हो रहा था। लेकिन हाल के दिनों में इसमें काफी तेजी आई है। अब तो स्थिति यह है कि हर सेकेंड एक नए घर में नल का कनेक्शन लगाया जा रहा है।
हर मिनट 60 नए घर में कनेक्शन
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को यहां बताया कि देश में हर घर को शुद्ध पेय जल देने की योजना जल जीवन मिशन पर तेजी से काम चल रहा है। इसकी गति भी तेजी से बढ़ रही है। यदि साल 2023 की बात करें तो जनवरी से अब तक मिशन के तहत हर मिनट 60 कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जल जीवन मिशन में 8.50 करोड़ नल के कनेक्शन जोड़े जा चुके हैं। यदि साल 2019 की बात करें तो महज 3.23 करोड़ घरों में ही नल का कनेक्शन जोड़ा गया था।
पीएम मोदी ने की थी घोषणा
15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला के प्राचीर से जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। उन्होंने तब कहा था कि साल 2024 तक देश के सभी परिवारों को जल जीवन मिशन के जरिए पीने का शुद्ध पानी नल से उपलब्ध कराना है। मोदी ने जब यह घोषणा की थी तब देश में महज 3.2 करोड़ घरों यानी 15 फीसदी घरों में जल से पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा था।
देश में 19.40 करोड़ परिवार तक पहुंचाना है
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश भर में कुल 5 लाख 94 हजार 240 गांव हैं। इनमें करीब 19.40 करोड़ परिवार रह रहे हैं। जब पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन की घोषणा की थी, उस समय देश में रहने वाले सभी परिवारों तक नल से जल उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती थी। यह लक्ष्य बहुत बड़ा था। लेकिन इस दिशा में जब काम शुरु हुआ तो अब तक मिशन के तहत 8.50 करोड़ घरों में नल से जल का कनेक्शन दिया जा चुका है। इस तरह से अब तक 60 प्रतिशत घरों को इस योजना के तहत नल से जल का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है।
तेजी से चल रहा है काम
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के गांवों को छोड़कर सभी जगह इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है। परियोजना पर सभी राज्यों में काम चल रहा है और 2024 तक सभी घरों को जल से नल उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।