सोलन। सोलन पुलिस ने कनाडा का वीजा लगाने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को धर्मपुर में एक फर्जी कॉल सेंटर की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली।
सूचना के आधार पर कॉल सेंटर पर निगरानी लगाकर 27 अक्टूबर को धर्मपुर अस्पताल रोड़ पर अवैध रूप से चलाए जा रहे कॉल सेंटर पर रेड की गई। उन्होंने एक बिल्डिंग की ऊपरली मंजिल में थ्री रुम सैट एम/एस स्टोन एंटरप्राइजेज गुरप्रीत सिंह पुत्र दीना नाथ परसराम नगर बठिंडा, पंजाब के नाम पर 14 जून से किराये पर ले रखी है।
मौके से मिला यह सामान
कॉल सेंटर पर गुरप्रीत सिंह सहित दो अन्य युवक गुरप्रीत सिंह पुत्र दर्शन सिंह निवासी एकता कालोनी बठिंडा, पजांब व इंद्रजीत सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी मिनी सचिवालय रोड़, बठिंडा, पंजाब मौके पर मिले। तीनों से थ्री रूम सैट किराये पर लेकर काम करने बारे पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि वह तीनों कनाडा जाने के इच्छुक लोगों का वीजा लगाने का काम करते हैं। इसके लिए उन्होंने सात मोबाईल फोन व दो लैपटॉप रखकर इस काम के लिए चार स्थानीय लड़कियों को भी रखा हुआ है।
छह सौ से ज्यादा लोगों से करोड़ों की ठगी
अभी तक की जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने हजारों लोगो से संपर्क स्थापित किया। उनके पास से बरामद की गई पांच नोटबुक्स में 600 से ज़्यादा लोग ऐसे पाए गए, जिनसे करोड़ों रूपये की ठगी को अंजाम दिया गया है। सभी दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है। आरोपित लोगों से धोखाधडी करके पैसो के लेनदेन के संबंध में कोई भी संतोषजनक उत्तर न दे सके।
तीनों आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 34 में मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। छानबीन में पता चला कि इस कार्य के लिए उन्होंने सरकार द्वारा कोई मान्यता प्राप्त रजिस्ट्रेशन नही करवाई है व साफिरन कॉरपोरेशन नाम से अपनी आइडी व ऑफिस का संचालन करते है। पुलिस ने वहां से सात मोबाईल व दो लैपटॉप को कब्जे में ले लिया है।
अप्रवासी भारतीयों से भी की ठगी
तीनों आरोपित लोगों को कनाडा में ड्राइवर, हेल्पर, मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन, अकाउंटेंट, शेफ, डाइनिंग सुपरवाईजर, फैक्टरी वर्कर, बिजनेस आदि की नौकरी का लालच देकर उनसे पैसा ऐंठ रहे थे। उन्होंने फेसबुक पेज भी बनाएं है, जिसके माध्यम से भी ये लोगो को संपर्क कर रहे थे। आरोपित बाहरी देशों ओमान, सऊदी अरब, बांगलादेश, पाकिस्तान आदि में रहने वाले भारतीय जो कनाडा में जाने के इच्छुक है, उनसे भी ठगी कर रहे थे।
धर्मपुर में कंपनी चलाने के लिए उन्होंने विज्ञापन लगाकर चार स्थानीय लड़कियों को 10-10 हजार प्रतिमाह वेतन के नाम पर भर्ती किया था। फर्जी कॉल सेंटर की शुरुआत कुछ महीने पहले ही होने की वजह से इसके बारे में ज्यादा लोगों द्वारा शिकायतें नहीं मिली, क्योंकि ये फर्जीवाड़ा करने में करीब तीन महीने तक पीड़ित को उलझा कर रखते हैं। एसपी सोलन गौरव सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में अभी जांच जारी है।