ब्लॉक- शैलेन्द्र उर्फ बउआ है कई जनपदों का हिस्ट्रीशीटर अपराधी 50 से ज्यादा दर्ज है मुकदमे।
ब्यूरो बांदा
बांदा- विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह ने बताया कि जनपद के थाना कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक मनोज कौशिक ने 11 जनवरी 2008 को प्राथमिकी दर्ज कराई कि शैलेंद्र सिंह उर्फ बउआ निवासी गुलाबबाग अलीगंज,अमित करिया निवासी छावनी, सौरभ धुरिया निवासी छावनी, नन्दू गुप्ता निवासी ठठराही बाजार, कादिर निवासी खाईपार थाना कोतवाली नगर जनपद बांदा का एक संगठित गिरोह हैं जिनके विरुद्ध थाना कोतवाली नगर में मु.अ.सं. 77/2008 धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया । अभियोजन विभाग से समन्वय करके समयबद्ध रूप से साक्षियों का साक्ष्य कराकर प्रभावी पैरवी किए जाने के फलस्वरूप अपर सत्र विशेष न्यायाधीश एडीजे पंचम गैंगस्टर कोर्ट द्वारा आरोपियों को 06 – 06 वर्ष के कठोर कारावास एवं सभी को 7000 – 7000/रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। जुर्माना अदा न करने पर सभी को 2 माह का अतिरिक्त कारावास कटाना पड़ेगा। गैंगस्टर की विवेचना निरीक्षक कृपाल सिंह परिहार द्वारा संपादित की गई थी। जिस पर न्यायालय में प्रभावी पैरवी पैरोकार कोतवाली नगर दिनेश कुमार कोर्ट मोहर्रिर अमित राजपूत व विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह के द्वारा कड़ी मेहनत करने के बाद आरोपियों को सजा दिलायी गईं । इनका एक संगठित गिरोह हैं जिसका गैंग लीडर शैलेन्द्र सिंह उर्फ बउआ हैं तथा उपरोक्त सभी सक्रिय सदस्य हैं।यह सभी बहुत ही दुर्दांत और बहुत ही शातिर किस्म के अपराधी हैं जिनके द्वारा एक जुट होकर हत्या करना ,घर में घुस कर जान से मारने की धमकी देना,जैसे हर प्रवत्ति के जघन्य अपराध शामिल हैं। इस गैंग का गैंग लीडर शैलेन्द्र उर्फ बउआ के ऊपर हत्या सहित करीब 50 से ज्यादा मुक़दमे चल रहें हैं।यह जनपद का हिस्ट्रीशीटर और बहुत ही खतरनाक अपराधी है।दोहरे हत्या के मुक़दमे मे पूर्व मे ही सभी अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। विशेष लोक अभियोजक गैंगस्टर एक्ट सौरभ सिंह ने यह भी बताया की दिनांक 19 सितम्बर 2007 को इन सभी अभियुक्तों ने मिलकर थाना कोतवाली नगर में एक साथ दोहरे हत्या कांड को अंजाम दिया था। दोहरे हत्या और अन्य अपराधो पर इन सभी अभियुक्तों के ऊपर गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की गई थी ये इतने दबंग अपराधी हैं की इन्होने और भी हत्याएं की हैं यह सभी गैंग बनाकर अपराध करते हैं। इनके आतंक से आसपास के क्षेत्र में दहशत फैली हुई हैं। जिसके फलस्वरूप इस गैंग के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज कराने और गवाही देने का साहस नहीं कर पाता हैं।इन सभी अभियुक्तों का गैंग चार्ट बनाकर जिलाधिकारी बांदा से अनुमोदित करा कर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। मामले की सुनवाई के दौरान 09/11/2011 को आरोप बनाया गया। मुक़दमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 8 गवाह पेश किए गए पत्रावली में उपलब्ध साक्षयो के अवलोकन के बाद अपर सत्र विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट गुणेंद् प्रकाश ने अपने 40 पेज के आदेश में सभी चारों आरोपियों को दोषी पाते हुए दोषसिद्ध किया