मास्को: यूक्रेन युद्ध में पहली बार सुपर पावर अमेरिका और रूस सीधे तौर पर आमने-सामने आ गए हैं। काला सागर में रूस के सुखोई 27 फाइटर जेट और एक अमेरिकी MQ-9 रीपर ड्रोन में टक्कर हो गई। इस घटना में अमेरिकी ड्रोन तबाह हो गया। अमेरिका ने इसके लिए रूसी फाइटर पायलट को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं इस घटना से भड़की अमेरिका सेना ने रूस को खुली चेतावनी दी है और कहा है कि यह युद्ध को भड़का सकता है। अमेरिकी सेना ने यह भी कहा कि रूस की ओर से पिछले दिनों में कई ‘आक्रामक’ और ‘खतरनाक’ कार्रवाई की गई है।
अमेरिकी सेना के यूरोपीय कमांड ने कहा कि टक्कर की यह घटना सुबह 7 बजे के आसपास हुई। इस दौरान रूस के दो सुखोई-27 फाइटर जेट ने अपने ईंधन को अमेरिकी ड्रोन के ऊपर गिरा दिया। इसके बाद रूसी विमान बहुत खतरनाक तरीके से अमेरिकी ड्रोन के सामने से निकल गए जो बहुत गैरपेशेवराना था। शीतयुद्ध जब चरम पर था, उसके बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब अमेरिकी एयरक्राफ्ट को रूसी विमान ने मार गिराया है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही अमेरिका लगातार अपने ड्रोन को काला सागर के ऊपर भेज रहा है।
‘रूसी फाइटर जेट ने किया था ड्रोन का पीछा’
अमेरिका ने चेतावनी दी है कि इन ड्रोन से रूस के साथ तनाव चरम पर पहुंच सकता है। अमेरिकी सेना ने अपने बयान में कहा, ‘यह घटना रूसी पायलटों की ओर से अमेरिका और सहयोगी देशों के विमानों के साथ अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपनाए जा रहे एक खतरनाक पैटर्न के आधार पर ही हुई है। रूसी पायलटों की ओर से उठाए गए इन आक्रामक कदमों से गलतफहमी हो सकती है और गैरइरादतन तनाव भड़क सकता है।’ अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि यह रूस की ओर से अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन है।
अमेरिकी वायुसेना के जनरल जेम्स हैकर ने कहा कि MQ-9 एयरक्राफ्ट अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में सामान्य अभियान चला रहा था और इसी दौरान रूसी विमानों ने उसका पीछा किया और उसे टक्कर मार दी। इससे अमेरिकी ड्रोन क्रैश हो गया और पूरी तरह से नष्ट हो गया। वस्तुत: रूसी पायलटों ने जिस तरह से असुरक्षित और गैरपेशेवराना कदम उठाया, उससे खुद उनके दोनों ही विमानों के क्रैश होने का खतरा था।’ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि रूसी फाइटर जेट ने करीब 30 से 40 मिनट तक MQ-9 ड्रोन का पीछा किया था। इस घटना के डरावने वीडियो में नजर आ रहा है कि रूसी विमान बार-बार ड्रोन के आसपास उड़ रहे हैं। इसके बाद उन्होंने ड्रोन के ऊपर तेल गिरा दिया ताकि उसके कैमरे और सेंसर खराब हो जाएं।
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