ब्यूरो चित्रकूट




चित्रकूट। जिले के भरतकूप क्षेत्र में वन विभाग के सिपाही द्वारा ठेकेदारों के साथ मिलकर जंगलों में अवैध लकड़ी का कटान कराए जाने की खबरों ने सबको चौंका दिया है। वन विभाग के एक सिपाही की कथित रूप से ठेकेदारों के साथ मिलीभगत के चलते जंगलों में हर रोज़ लकड़ी का कटान हो रहा है, जिससे पर्यावरण और वन्यजीवों को भारी नुकसान हो रहा है। इस काले धंधे में जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।वहीं
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भरतकूप के जंगलों में एक सिपाही ने अपनी पकड़ मजबूत बना रखी है और ठेकेदारों से मिलकर अवैध लकड़ी का कटान करवा रहा है। यह सिपाही ठेकेदारों से मोटी रकम लेकर, उन्हें बिना किसी डर और दबाव के जंगलों में लकड़ी काटने की अनुमति दे रहा है। दिन-ब-दिन बढ़ते इस अवैध कटान के कारण जंगलों का आकार लगातार सिकुड़ता जा रहा है।वहीं, वन विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में मौन धारण किए हुए हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या विभाग का यह सिपाही किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी इस मामले को और भी गंभीर बना रही है। अब यह देखना होगा कि जिले के नवागंतुक डीएफओ (जिला वन अधिकारी) इस मामले में किस तरह की कार्रवाई करते हैं। क्या वह इस सिपाही की शिकायतों की जांच करेंगे और वन विभाग के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करेंगे, या फिर इस तरह की घटनाओं को अनदेखा कर देंगे?
इधर, पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय लोग इस बात को लेकर काफी चिंतित हैं कि अगर समय रहते इस अवैध कटान पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले समय में यह जंगल और वन्यजीवों के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है। साथ ही, यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि नवागंतुक डीएफओ इस मामले में सख्त कदम उठाएंगे और वन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे।
अब जनपद में सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन इस गंभीर मामले पर शीघ्र ध्यान देगा और जंगलों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाएगा या इसी तरह वन विभाग का सिपाही अवैध लकड़ी का कटान कराता रहेगा।
