नई दिल्ली: नए साल 2023 का आगाज हो चुका है। इस साल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो कई बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा। 2023 में इसरो आदित्य एल-1 सन और चंद्रयान-3 जैसे बड़े इंटरप्लेनेटरी मिशन लॉन्च करेगा। इसके अलावा गगनयान मिशन भी लॉन्च करेगा ये भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा। इसरो कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल रीक्षण रेंज में पुन: प्रक्षेपित होने वाले वाहन का पहला रनवे लैंडिंग प्रयोग करने की भी योजना बना रहा है।
2022 में इसरो ने किए 5 बड़े मिशन लॉन्च
इसरो के लिए साल 2022 भी अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण रहा। इसरो ने 2022 में अंतरिक्ष क्षेत्र में गहरी छलांग लगाई है। इस साल इसरो ने 5 बड़े मिशन लॉन्च किए। इसमें वनवेब द्वारा विकसित 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट का लॉन्च शामिल है। इस मिशन के लिए हैदराबाद स्थित स्टार्टअप द्वारा निर्मित भारत के पहले प्राइवेट रॉकेट स्काईरूट एयरोस्पेस का इस्तेमाल किया गया। इस साल श्रीहरिकोटा में इसरो लॉन्च सेंटर परिसर में एक अन्य स्टार्टअप, अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा स्थापित देश के पहले निजी लॉन्चपैड की स्थापना भी हुई।
साल 2014 से दिसंबर 2022 तक, मोदी सरकार के तहत इसरो ने 44 अंतरिक्ष यान मिशन, 42 लॉन्च वाहन मिशन और पांच टेक्नोलॉजी दिखाने वाले मिशन लॉन्च किए गए। इसरो 2023 के शुरुआती महीनों में आदित्य सूर्य मिशन शुरू करने की योजना बना रहा है। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी सिस्टम के लाग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) के चारों ओर एक हेलो आर्बिट में रखा जाएगा, जो हमारे ग्रह से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है। L1 प्वाइंट के आसपास स्थित एक सैटेलाइट से सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखा जा सकता है। मिशन में सूर्य के कोरोना, क्रोमोस्फीयर और फोटोस्फीयर, इससे निकलने वाले कण प्रवाह और चुंबकीय क्षेत्र की ताकत की स्टडी की जा सकती है।