नई दिल्ली: पूर्व IAS अफसर हर्ष मंदर एक बार फिर से सीबीआई के घेरे में आते दिख रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी चंदा कानून (FCRA) का उल्लंघन करने के आरोप में हर्ष मंदर के NGO ‘अमन बिरादरी’ के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है। ये वही हर्ष मंदर हैं, जिन्होंने आतंकी अफजल गुरू के लिए राष्ट्रपति ये दया याचिका की मांग की और मुंबई हमले के दोषी कसाब और याकूब मेमन की फांसी रोकने के लिए भी अर्जी दी। इसके अलावा सीएए के विरोध में हुए शाहीन बाग आंदोलन में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयानबाजी की। मंदर को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी माना जाता है।
हर्ष मंदर पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। वो मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ राज्य में करीब 20 साल तक अलग-अलग पदों पर तैनात रहे। लेकिन 2002 में गुजरात दंगों के बाद उन्होंने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और एक एनजीओ शुरू किया। रिपोर्ट्स की मानें तो वे सोनिया गांधी के करीबी हैं। कांग्रेस की मनमोहन सरकार के वक्त मंदर राष्ट्रीय नेशनल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। इस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी थीं। मंदर सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल कमिश्नर जैसे पदों पर रहे हैं। लेकिन मंदर अपने सरकार विरोधी बयान के लिए काफी चर्चा में रह चुके हैं।
दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन में हर्ष मंदर पर भड़काऊ बयान के आरोप लगे। उन्होंने शाहीन बाग में जाकर नागरिकता के मुद्दे पर लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए उकसाया और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान दिया। उन्होंने कहा, ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं जीती जाएगी, क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट में देखा है पिछले कुछ वक्त से एनआरसी के मामले में अयोध्या के मामले में कश्मीर के मामले में। सुप्रीम कोर्ट में इंसानियत समानता और सेक्युलेरिज्म की रक्षा नहीं की है। हम कोशिश जरूर करेंगे क्योंकि हमारा सुप्रीम कोर्ट है। लेकिन फैसला न संसद में न सुप्रीम कोर्ट में होगा। इस देश का क्या भविष्य होगा, आप लोग सब नौजवान है आप अपने बच्चों को किस तरह का देश देना चाहते हैं इसका फैसला कहां होगा। एक सड़कों पर होगा और हम लोग सड़कों पर निकले हैं। ‘
ये वही हर्ष मंदर हैं, जो खुद खुलेआम लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए भड़काते हैं और खुद ही सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी के नेताओं के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के खिलाफ याचिका दायर करते हैं। हर्ष मंदर उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु को बचाने के लिए राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी। ये पहली बार नहीं था जब मंदर के भीतर आंतकियों के बचाने के लिए दयाभाव उमड़ा। हर्ष मंदर ने 2008 में मुंबई हमला के दोषी आतंकी अजमल कसाब और 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन की फांसी रोकने की मांग की थी।
हर्ष मंदर अपने कुछ बयानो के लिए भी सुर्खियों में रह चुके हैं। 2019 में उन्होंने ऐलान किया था कि अगर संसद में नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया तो वो खुद को मुस्लिम नागरिक के रूप में दर्ज कराएंगे। उन्होंने अन्य लोगों से भी ऐसा करने की अपील की। इससे पहले दिल्ली दंगों में भी उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगा था और उनका नाम पुलिस ने चार्जशीट में दायर किया था।