जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत निर्मित व्यक्तिगत भूमि सुधार कार्य से जहां एक ओर मजदूरों के हाथों में काम मिला है, वहीं भूमि सुधार कार्य से किसानों के खेतों की पैदावारी बढ़ी है। ऐसा ही एक किसान ग्राम घुटकुनवापारा निवासी परमानंद है, जिन्होंने अपने कृषि भूमि सुधार कर धान फसल की पैदावारी बढ़ाने में सफलता हासिल की है। किसान परमानंद के कृषि भूमि सुधार हेतु स्वीकृत कार्य से गांव के 361 जॉब कार्डधारी मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध हुई है। उक्त ग्राम में पर्याप्त मात्रा में कृषि भूमि है, जिसमें से अधिकतर भूमि भर्री है, जहॉ पर फसल का उत्पादन नाम मात्र होता है। ग्रामसभा के माध्यम से ग्रामीणों ने कृषि भूमि सुधार की जानकारी लेकर अपने कृषि भूमि में सुधार कार्य स्वीकृत कराने आगे आये। जॉब कार्डधारी व किसान श्री परमानंद ने भी अपने जमीन में भूमि सुधार का कार्य कराने हेतु आवेदन किया। जनपद पंचायत के माध्यम से प्राक्कलन तैयार कर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु जिला पंचायत को प्रस्तुत की गई। जिसके आधार पर 1.03 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई। जनपद पंचायत के तकनीकी मार्गदर्शन से गुणवत्तापूर्ण भूमि सुधार कार्य किया गया, जिसमें स्वयं हितग्राही व उनके परिवार के मजदूरों द्वारा कार्य किया गया है।
कृषक परमानंद निषाद ने बताया कि पहले वह रोजी-मजदूरी के साथ-साथ खेती किसानी का कार्य करता था। परन्तु भर्री जमीन होने से उन्हें उचित लाभ नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने नया करने के प्रयास के साथ भूमि सुधार हेतु पहल किया। अब फसलों की पैदावारी बढ़ने से उसे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है। किसान परमानंद ने भूमि सुधार कार्य होने के पश्चात् अपने खेत में धान का फसल लगाया व मेड़ो में तिल का फसल लगाकर आज अपनी आय को दुगुना कर लिया है। भूमि सुधार होने से पूर्व वह अपने जमीन पर फसल उगा पाने में असमर्थ था। परन्तु भूमि सुधार कार्य करावाने के पश्चात् अब ज्यादा फसल उत्पादन होने से प्रति वर्ष अच्छी आमदनी हो रही है। पूर्व में जमीन में उपज कम होती थी, परन्तु वर्तमान समय में फसल उत्पादन अच्छी होने से वह अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे तरीके से कर पा रहा है। बंजर भूमि को मुक्त में फसल योग्य भूमि बनाये जाने में सहयोग के लिए परमानंद खुश होकर शासन प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करने हुए वह गांव के अन्य कृषकों को भी भूमि सुधार के लिए प्रेषित कर रहा है।