नई दिल्ली : सिंबल- Au, एटॉमिक नंबर- 79, हम बात कर रहे हैं गोल्ड (Gold) की। 2022 इस ‘किंग ऑफ मेटल’ के लिए एक आउटपरफॉर्मिंग साल रहा। इस साल भी सोने की कीमतों (Gold Price Today) में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। क्या सोने में यह तेजी आगे भी जारी रहेगी? आइए जानते हैं। अगर महंगाई बरकरार रहती है और सेंट्रल बैंक आगे ब्याज दरों (Interest Rates) को बढ़ाने में असमंजस की स्थिति में रहते हैं, तो सोने की कीमतों में साल 2023 में अच्छी तेजी देखने को मिलेगी। इसके अलावा, जिस तरह से हाल ही में अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट (Banking Crisis) उभरा है, उससे सोने में भारी निवेश देखने को मिल सकता है। सेंट्रल बैंक्स की बात करें, तो वे गोल्ड में लंबे समय तक निवेश करने के मूड में हैं। अब तक खनन किये गए सोने का लगभग पांचवां हिस्सा केवल सेंट्रल बैंक्स (Central Banks) के पास है।
सेंट्र्ल बैंक्स इसलिए खरीद रहे सोना
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के एमडी अमित पबारी के अनुसार, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार सेंट्रल बैंकों के सोना खरीदने के पीछे दो प्रमुख कारण है। पहला- इसकी संकट के समय परफॉर्मेंस काफी अच्छी है। दूसरा- धन को लंबे समय तक स्टोर कर रखने का इसका गुण। हम 2023 में भी कई वैश्विक आर्थिक संकट देख रहे हैं। ऐसे में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों से सोने की मांग बनी रहने की संभावना है। इसके अलावा, घाना जैसा देश ईंधन के लिए सोने की अदला-बदली के लिए दुबई के तेल रिफाइनर से बात कर रहा है। आगे हम कई दूसरे देशों को भी सोने के साथ वस्तुओं का आदान-प्रदान करते देख सकते हैं। यह पेट्रोडॉलर सिस्टम के लिए एक रिस्क है।
गोल्ड होल्डिंग बढ़ाने पर जोर
उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंकों के पास उनके भंडार का औसतन दो-तिहाई डॉलर एसेट्स या करेंसीज होती हैं और 5 फीसदी से कम गोल्ड होता है। अब संभवत: वे इस रेश्यो को बदलना चाहते हैं। वे डॉलर की कम और गोल्ड की ज्याजा होल्डिंग चाहते हैं। आरबीआई की एफएक्स रिजर्व होल्डिंग्स में इसे देखा जा सकता है। पिछले 5 वर्षों में आरबीआई ने अपनी डॉलर होल्डिंग में लगातार कमी की है और गोल्ड वेटेज को 5.06% से बढ़ाकर 7.86% कर दिया है।
भारत के पास दुनिया का 8% स्वर्ण भंडार
भारतीय घरों में 27,000 टन सोना
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड एक्यूमुलेटर है। भारत के घरों में ही लगभग 25,000 से 27,000 टन सोना है। वहीं, देश के मंदिरों के पास 3,000 से 4,000 टन गोल्ड होने का अनुमान है। सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत के घरों और मंदिरों में मौजूद इस गोल्ड की वैल्यू भी बढ़ेगी। हालांकि, आर्थिक नजरिये से देखें तो सोने के आयात से व्यापार घाटा अधिक हो सकता है।
इस समय गोल्ड सबसे सेफ इन्वेस्टमेंट
ग्लोबल इकनॉमी में चल रहे इस उथल-पुथल को देखते हुए इस समय सबसे सुरक्षित निवेश कोई और नहीं, बल्कि सोना ही है। इसके अलावा दुनिया के केंद्रीय बैंकों की खरीदारी भी सोने की कीमतों को बढ़ा रही है। हालांकि, जो देश सोने का आयात कर रहे हैं, वे उच्च व्यापार घाटे की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
क्या हैं टार्गेट्स
वैश्विक स्तर पर देखें, तो निवेशक 2070 डॉलर प्रति औंस से ऊपर गोल्ड पर लॉन्ग हो सकते हैं। वे 1820 डॉलर के स्टॉप लॉस के साथ 2300 डॉलर और 2600 डॉलर के बड़े टार्गेट के लिए निवेश कर सकते हैं। वहीं, घरेलू बाजार की बात करें, तो सोना रिकॉर्ड हाई लेवल पर है। साल 2023 में सोने का भाव 66,000 और 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। निवेशक 54,500 रुपये का स्टॉप लॉस लेकर चल सकते हैं।