नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने कर्मचारियों की भविष्य निधि पर ब्याज दरें (Interest Rate) बढ़ा दी हैं। EPFO ने कर्मचारियों की भविष्य निधि पर ब्याज दर (Interest Rate) बढ़ाकर 8.15% कर दी हैं। सीबीटी की बैठक कल यानी सोमवार से शुरू हुई थी। इस दौरान संभावना जताई जा रही थी कि ईपीएफओ की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाएगी। ऐसा हुआ भी है। ईपीएफओ ने ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। मार्च 2022 में, सरकार ने 2021-22 के लिए 8.1% ईपीएफ दर घोषित की थी, जो 1977-78 के बाद 40 साल में सबसे कम थी। सीबीटी की मीटिंग 28 मार्च तक चलनी है। उम्मीद की जा रही थी कि बैठक के खत्म होने के साथ ही कर्मचारियों को खुशखबरी मिल सकती है। बता दें कि हर साल मार्च में सीबीटी (CBT) की बैठक में ब्याज दरों पर फैसला होता है। पिछले साल ईपीएफओ की अच्छी कमाई हुई थी। इसलिए इस बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही थी।
EPFO की बढ़ी है इनकम
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के लिए कमाई के लिहाज से पिछला साल काफी अच्छा रहा है। ईपीएफओ की आमदनी बढ़ी है। बता दें कि ईपीएफओ आपके फंड को कई जगहों पर निवेश करता है। जहां से उसे रिटर्न मिलता है। इस कमाई के जरिये ही ईपीएफओ आपको निवेश पर ब्याज देता है। इस बार ब्याज दरों को बढ़ाए जाने के पीछे कई कारण बताए जा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात की उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार ब्याज दरें बढ़ाकर 8.20 फीसदी की जा सकती हैं। वहीं ब्याज दरों को स्थिर रखने की भी संभावना जताई जा रही थी।
पिछले बार घटाया गया था ब्याज
बता दें कि ईपीएफओ ने पिछली बार ब्याज दर घटा दी थी। इससे कर्मचारियों को काफी झटका लगा था। ईपीएफओ ने ब्याज दर 8.5 फीसदी से कम करके 8.1 फीसदी कर दी थी। यह पिछले करीब 40 वर्षों की सबसे कम ब्याज दर थी। साल 1977-78 में ईपीएफओ ने आठ फीसदी का ब्याज दिया था। इसके बाद से ब्याज दर 8.25 फीसदी या इससे ज्यादा रही है।