नई दिल्ली: विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर अच्छी खबर मिली है। बीते 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक साल से ज्यादा की सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही अपना विदेशी मुद्रा भंडार 544 अरब डॉलर के पार चला गया।
इस साल की शुरूआत में अपना विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक स्तर पर था। लेकिन इसी साल रुपये के मूल्य में गिरावट भी देखने को मिली। इसी गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक को डॉलर खुले बाजार में बेचना पड़ रहा है। इसका असर दिखा और बीते सितंबर के मध्य के बाद रुपया पहली बार डॅालर के मुकाबले 80 के स्तर के करीब पहुंचा।रिजर्व बैंक के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियों (FCA) में 11.8 अरब डॅालर की वृद्धि हुई है। अब यह 482.53 अरब डॅालर पर पहुंच गई हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में एफसीए की सबसे बड़ी हिस्सेदारी होती है।
आरबीआई के मुताबिक बीते 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार में भी बढ़ोतरी हुई। इस सप्ताह यह 2.64 अरब डॅालर बढ़कर 39.70 अरब डॅालर पर पहुंच गया। दरअसल, विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा जाता है। अधिकांशत: डॉलर और बहुत बा यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है।