नई दिल्ली: जीएसटी (GST) के बाद विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) के मोर्चे पर भी अच्छी खबर है। 28 अप्रैल को खत्म हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.532 अरब डॉलर बढ़कर 588.780 अरब डॉलर पहुंच गया। यह इसका 10 महीने का उच्चतम स्तर है। फॉरेन करेंसी एसेट्स में तेजी से इसमें उछाल आया है। देश के फॉरेक्स रिजर्व में सबसे ज्यादा वेटेज फॉरेन करेंसी एसेट्स का है। इससे पहले 21 अप्रैल को खत्म हफ्ते में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.164 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। दूसरी ओर, पाकिस्तान के विदेशी मुदा भंडार में एक बार फिर गिरावट आई है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक 28 अप्रैल के खत्म हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 60 लाख डॉलर की गिरावट के साथ 4.5 अरब डॉलर रह गया है।
भारत में 28 अप्रैल को खत्म वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स 4.996 अरब डॉलर बढ़कर 519.485 अरब डॉलर पहुंच गई। उससे पिछले हफ्ते इनमें 2.146 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। एसडीआर भी 3.5 करोड़ डॉलर की तेजी के साथ 18.466 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि इस दौरान गोल्ड रिजर्व में गिरावट आई है। यह 49.4 करोड़ डॉलर गिरकर 45.657 अरब डॉलर रह गया है। भारत का फॉरेक्स रिजर्व अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के ऑल-टाइम हाई पर पहुंचा था। रुपये की गिरावट को थामने के लिए आरबीआई स्पॉट और फॉरवर्ड पोजीशन के जरिए फॉरेक्स मार्केट में हस्तक्षेप कर रहा है।
श्रीलंका से आई अच्छी खबर
इस बीच कर्ज से दबे श्रीलंका के लिए अच्छी खबर है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार इस साल मार्च में बढ़कर 2.69 अरब डॉलर हो गया। एक साल पहले इसी महीने में विदेशी मुद्रा भंडार पांच करोड़ डॉलर था। सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका के शुक्रवार को जारी आंकड़ों से श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार के संकेत मिल रहे हैं। श्रीलंका वित्तीय संकट में है और उस पर कुल 83.6 अरब डॉलर कर्ज है, जिसमें से विदेशी कर्ज 42.6 अरब डॉलर जबकि घरेलू कर्ज 42 अरब डॉलर है। श्रीलंका ने अप्रैल, 2022 में पहले डिफॉल्ट की घोषणा की थी। यह 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिलने के बाद उसका सबसे खराब आर्थिक संकट था। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी हो गई थी और महंगाई तथा उत्पादों की कमी को लेकर जनता सड़कों पर उतर आई थी।