नई दिल्ली. ज्ञानव्यापी मस्जिद विवाद मामले में अदालत द्वारा व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत देने के बाद इस वक्त बनारस का माहौल बेहद तनावपूर्ण बना हुआ है. अदालत के फैसले से हिन्दू समाज बेहद खुश है. वहीं, मुस्लिम समाज ने शुक्रवार को बनारस बंद का ऐलान किया है. यह निर्णय लिया गया है कि शुक्रवार को मुस्लिम इलाकों में सभी दुकानें बंद रहेंगी. मुस्लिम समाज ने लोगों से अपील की है कि वो शांतिपूर्वक तरीके से नमाज पढ़ें. अंजुमन इंतजामिया कमेटी की तरफ ये यह बंद का ऐलान किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुस्लिम क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार को इस मुद्दे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख करते हुए याचिका दायर की है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी की जिला अदालत में भी अर्जी देकर हिंदू पक्ष को उक्त स्थान पर पूजा करने से रोकने का अनुरोध किया है. ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने मस्जिद परिसर के भीतर व्यास जी के तहखाना में हिंदू भक्तों को पूजा की इजाजत देने को अनुचित करार दिया. इंतेजामिया कमेटी के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के महानिबंधक के समक्ष आवेदन किया है.
अंजुमन इंतजामिया कमेटी की क्या है दलील?
अदालत में दाखिल अपील में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यासी मंडल और आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के मुख्य पुजारी शैलेन्द्र कुमार पाठक को पक्षकार बनाया गया है. वाराणसी की अदालत के निर्णय के खिलाफ दाखिल अपील में दलील दी गई है कि यह वाद स्वयं में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत पोषणीय नहीं है. साथ ही तहखाना का व्यास परिवार के स्वामित्व में होने या पूजा आदि के लिए देखरेख किए जाने की कोई चर्चा नहीं थी जैसा कि मौजूदा वाद में दावा किया गया है.