वाराणसी। ज्ञानवापी को लेकर लंबित मामलों की सुनवाई शनिवार को जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में हुई। इसमें भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से किरण सिंह के मुकदमे में प्रार्थना पत्र पर जिला जज ने इस मुकदमे में हाई कोर्ट में दाखिल याचिका के संबंध में पक्षकारों के वकील से प्रश्न किया।
अगली सुनवाई के लिए पांच अक्टूबर की तिथि तय कर दी। प्रार्थना पत्र में बताया गया है कि मूल वाद और उसके खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई जिला जज की अदालत में एक साथ नहीं हो सकती है।
मांग की गई है कि मूलवाद को संबंधित न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए अथवा पुनरीक्षण याचिका को निरस्त कर दिया जाए। जिला जज ने वादी के वकीलों से यह जानना चाहा कि किस प्रविधान के आधार पर प्रार्थना पत्र पोषणीय है।
मूल वाद में ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के पूजा-पाठ, राग-भोग एवं अन्य धार्मिक कार्य संपादित किए जाने की मांग की गई है। वाद की पोषणीयता को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने चुनौती दी थी जिसे सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) ने 17 नवंबर 2022 को उसे खारिज कर दिया था।