नई दिल्ली: फाइनेंशियल ईयर 2021 से भारत दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही इकॉनमी बनी हुई है। आईएमएफ (IMF) के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में भारत की जीडीपी की रफ्तार 9.1 परसेंट रही और 2022 में यह 6.8 फीसदी रही। 2023 में इसके 5.9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है। यह उपलब्धि है या आंकड़ों का खेल? इसे थोड़ा डिटेल में समझने की कोशिश करते हैं। जब 2020 में कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) ने दुनिया की रफ्तार थाम दी थी तो भारत पर इसकी सबसे ज्यादा मार पड़ी थी। कनाडा, जापान, जर्मनी, ब्राजील और अमेरिका जैसे की इकॉनमी में भी गिरावट आई लेकिन भारत से कम। ब्रिटेन, इटली और फ्रांस सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। लेकिन चीन की इकॉनमी साल 2020 में भी ठीकठाक बढ़ी। भारत की जीडीपी में गिरावट से कैल्कुलेशन के लिए बेस कम हो गया और बाद के वर्षों के लिए उसके ग्रोथ में तेजी आ गई।
बेस इफेक्ट का खेल
फाइनेंशियल ईयर 2020 में भारत की इकॉनमी में 5.8 फीसदी गिरावट आई जबकि चीन की इकॉनमी 2.2 फीसदी बढ़ी। अगले साल दोनों देशों की इकॉनमी में तेजी आई। चीन की इकॉनमी 8.5 फीसदी बढ़ी जबकि भारत की जीडीपी की रफ्तार 9.1 फीसदी रही। लेकिन 2020 में लोअर बेस के कारण भारत की रफ्तार ज्यादा रही। इस बेस इफेक्ट ने बाद की ग्रोथ कैल्कुलेशन को भी प्रभावित किया लेकिन 2019 के ग्रोथ रेट के हिसाब से देखें तो इस अनियमितता को दूर किया जा सकता है। 2019 में सबकुछ सामान्य था। 2019 के बाद अगले चार साल चीन का औसत ग्रोथ रेट 4.7 फीसदी रहा जो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। भारत 3.8 फीसदी के साथ दूसरे नंबर पर रहा।
लोअर रेट पर भी चीन आगे
चीन की इकॉनमी भारत से पांच गुना अधिक है। डॉलर टर्म्स में यह भारत से कहीं कम गति से आगे बढ़ा लेकिन उसका नेट एडिशन भारत से कहीं अधिक रहा। डॉलर टर्म्स में 10.3 फीसदी ग्रोथ के साथ भारत ने अपनी इकॉनमी में केवल 350 अरब डॉलर जोड़े जबकि चीन ने सात फीसदी ग्रोथ के साथ 1,274 अरब डॉलर जोड़े। भारत को अपनी इकॉनमी में इतनी बड़ी राशि जोड़ने के लिए 37.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ना होगा।
भारत बनाम चीन
2001 से चीन और भारत ग्रोथ के मामले में बड़ी इकॉनमीज में लगातार पहले और दूसरे नंबर पर बने हुए हैं। 23 साल में पहले 17 साल चीन पहले नंबर पर रहा जबकि पांच साल भारत ने बाजी मारी। 2014 में मामला टाई रहा और दोनों देशों की इकॉनमी 7.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी। कोरोना महामारी के बाद लगातार तीन से भारत टॉप पर रहा। यह टॉप पर भारत का सबसे लंबा स्पेल है। आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक इस साल भारत कॉन्सटेंट लोकल करेंसी और डॉलर टर्म्स में सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी होगी। भारत की रफ्तार 5.9 फीसदी रहेगी जबकि चीन की इकॉनमी 5.2 फीसदी की स्पीड से बढ़ेगी। डॉलर टर्म्स में भारत की जीडीपी ग्रोथ 10.3 परसेंट रहेगी। इसके बाद ब्राजील, इटली और चीन का नंबर होगा।
जरा इन आंकड़ों को भी देखिए
बड़ी इकॉनमीज में भारत की प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है। अमेरिका में यह 80,035 डॉलर है जो भारत के मुकाबले 31 गुना अधिक है। चीन की प्रति व्यक्ति आय भारत के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है। अगर आज अमेरिका की जीडीपी बढ़ना बंद कर दे तो भारत को उसके बराबर पर कैपिटा इनकम लेवल तक पहुंचने में कई साल लग जाएंगे। भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी इकॉनमी है लेकिन पर कैपिटा इनकम के हिसाब से भारत अफ्रीका के भी कई देशों से नीचे है। अंगोला की प्रति व्यक्ति आय 3,205 डॉलर है जबकि भारत की 2,601 डॉलर है।