नई दिल्ली। मिडिल ईस्ट में टेंशन ऑल टाइम हाई है। इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह (Hezbollah Chief Hassan Nasrallah) को मौत के घाट उतार दिया है। शुक्रवार देर शाम लेबनान की राजधानी बेरूत में स्थित हिजबुल्ला के मुख्यालय पर हवाई हमला किया था।
इस एयर स्ट्राइक में 6 लोगों की मौत हो गई। हसन नसरल्लाह की बेटी जैनब (Zainab Nasrallah) भी अपनी जान गंवा दी। हिजबुल्लाह चीफ का मारे जाने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामनेई को सुरक्षित स्थान पर रखा गया। वहीं, इजरायल भी अलर्ट पर है।
गरीब किसान परविार में हुआ था जन्म
31 अगस्त 1960 को बेरूत के उत्तरी बुर्ज हम्मूद उपनगर में जन्मे नसरल्लाह का जन्म एक गरीब किसान परिवार हुआ था। उसके आठ भाई-बहन थे। नसरल्लाह शिया समुदाय से ताल्लुक रखता था।
उसके पिता अब्दुल करीम एक छोटी सी सब्जी का दुकान चलाते थे। 1975 में लेबनान में गृह युद्ध छिड़ जाने के बाद वे अमल आंदोलन में शामिल हो गया था।
हसन नसरल्लाह के परिवार की बात करें तो उसकी पत्नी का नाम फातिमा यासीन है। उसके चार बच्चे थे। उसके सबसे बड़े बेटे की सितंबर 2017 में मौत हो गई थी। वो हिजबुल्लाह का लड़ाका था।
साल 1992 में नसरल्लाह को हिजबुल्लाह का महासचिव बनाया गया था। उसने अब्बास अल-मुसावी की जगह ली थी। मुसावी को भी इजरायल ने ही मार गिराया था। उसे जबरदस्त वक्ता माना जाता था।
अपना ठिकाना बदलते रहता था नसरल्लाह
हसन नसरल्लाह को कड़ी सुरक्षा में रखा जाता था। एक इंटरव्यू में नसरल्लाह ने कहा था कि वो बंकर में नहीं रहते, लेकिन वो समय-समय पर अपना ठिकाना बदलते रहते हैं। गौरतलब है कि जो उसका इंटरव्यू लेने जाते थे उन्हें ये तक पता नहीं होता कि वहां पर कहां पर मौजूद हैं।
दशकों से नसरल्लाह अपने भाषणों को खुफिया स्थान से जाकर प्रसारित करता था। वो न सिर्फ लेबनान में बल्कि पश्चिम एशिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक था।