हिमाचल के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की कैबिनेट में शामिल होने वाले 10 मंत्रियों के नाम लगभग तय हो गए हैं। सुक्खू आज पदभार ग्रहण करने के बाद शाम तक अपने मंत्रियों का नाम फाइनल कर सकते हैं। इसके अलावा प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) का चयन भी आज मुमकिन है। प्रदेश मंत्रिमंडल का जल्द गठन करने का संकेत मुख्यमंत्री शपथ लेने के बाद ही दे चुके थे।
आज नाम फाइनल करके दिल्ली जा सकते मुख्यमंत्री
मंत्रिमंडल
के सभी सदस्यों का नाम फाइनल करने के बाद CM ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू
आज पार्टी हाईकमान से मिलने दिल्ली जा सकते हैं। पार्टी हाईकमान से अंतिम
मंजूरी लेने के बाद राज्य सरकार अगले एक-दो दिन के भीतर मंत्रिमंडल की
आधिकारिक घोषणा कर सकती है।
इन नामों पर बनी सहमति औपचारिक घोषणा बाकी
सुक्खू
की कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नाम लगभग तय हो गए हैं।
अब इनकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है। जिन विधायकों के नाम मंत्री पद के लिए
आगे चल रहे हैं, उनमें सबसे पहला नाम विधायक विक्रमादित्य सिंह का हैं।
प्रदेश कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम से चुनाव
जीतकर आई है, ऐसे में उन्हें क्रेडिट देते हुए विक्रमादित्य सिंह को
मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा से पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व में सांसद रह चुके चंद्रकुमार भी मंत्री की दौड़ मे सबसे आगे हैं। धर्मशाला से सुधीर शर्मा, जो पहले भी मंत्री रह चुके हैं, उनका नाम भी आगे चल रहा है। कुल्लू से सुंदर ठाकुर, किन्नौर से जगत सिंह नेगी, बिलासपुर से राजेश धर्माणी, सिरमौर से हर्षवर्धन सिंह चौहान का नाम तय माना जा रह है।
विस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए 2 नाम चर्चित
भटियात
से कुलदीप पठानिया का नाम भी मंत्री बनने की चर्चाओं में है। जनजातीय
समीकरण बिठाते हुए पार्टी लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर को मंत्री बनने का
मौका दे सकती है। सोलन से वरिष्ठ नेता कर्नल धनीराम शांडिल को विधानसभा
अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। विधानसभा चुनाव में जिला मंडी से
कांग्रेस को एकमात्र सीट धर्मपुर से मिली है, इसलिए विजेता चंद्रशेखर को
विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
शिमला में विक्रम फाइनल, रोहित-अनिरूद्ध में फंसा मामला
प्रदेश
के जिन 2 जिलों से कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं, उन्हीं जिलों
में मंत्रियों के चयन का पेंच फंसा हुआ है। इसमें कांगड़ा और शिमला शामिल
हैं। बात अगर जिला शिमला की है तो यहां से कई विधायक ऐसे हैं, जो मंत्री पद
की दौड़ में सबसे आगे हैं। विक्रमादित्य सिंह के अलावा जुब्बल कोटखाई से
विधायक रोहित ठाकुर, कसुम्पटी से विधायक अनिरुद्ध सिंह के बीच फंसा हुआ है।
अनिरुद्ध सिंह लगातार चौथी बार कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जबकि रोहित ठाकुर भी कई बार विधायक बन कर आए हैं। पूर्व की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वह मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। इस बार मंत्री बनने की उनकी प्रबल दावेदारी है। अब इन दोनों विधायकों में से किसे मंत्री बनाया जाए, यह पार्टी के लिए सोच-विचार करने वाला विषय बना हुआ है।