मंडी, जागरण संवाददाता। कीरतपुर मनाली फोरलेन (Kiratpur Manali Four Lane) को बाढ़, भूस्खलन और वर्षा से भारी नुकसान हुआ है। पंडोह के कैंची मोड़, सात और आठ मील में मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। यहां नए सिरे से मार्ग का निर्माण करना होगा। सुंदरनगर के हराबाग और बिलासपुर के पनोह में भी बादल फटने और पहाड़ दरकने से मार्ग को भारी क्षति पहुंची है।
नौ जुलाई को आई बाढ़ से हुए नुकसान से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अभी उभर नहीं पाया था। नुकसान का ठीक से आकलन भी नहीं हो पाया था। वहीं, रविवार रात और सोमवार सुबह हुए नुकसान से एनएचएआई के समक्ष नहीं मुश्किल खड़ी हो गई है। एक दिन में ही एनएचएआई को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
बाढ़ और भूस्खलन से मंडी से कुल्लू तक फोरलेन को भारी क्षति पहुंची है। कैंची मोड़ में मार्ग पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। नुकसान का आकलन करने आई तकनीकी टीम मनाली में फंसी हुई है। – वरुण चारी, परियोजना निदेशक एनएचएआई मंडी
एक महीने में 1200 करोड़ का नुकसान
एक माह में नुकसान का आंकड़ा करीब 1200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कैंची मोड़ में पहाड़ दरकने से मार्ग पूरी तरह जमींदोज हो गया। मार्ग के साथ एकदम ब्यास नदी है। यहां नए सिरे से मार्ग का निर्माण करना पहाड़ जैसी चुनौती होगी। छह से नौ मील तक पहाड़ पूरी तरह दरक चुके हैं। बादल फटने से फोरलेन का बड़ा हिस्सा बह गया है।
इस स्थिति से निपटने में एनएचएआई को कई माह का समय लगेगा। आपदा ने लोगों की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर कर रख दिया है। थलौट के समीप झलोगी में भी फोरलेन को ब्यास में आई बाढ़ से भारी क्षति पहुंची है।
तकनीकी टीम मनाली में फंसी
मंडी से मनाली तक फोरलेन को नौ जुलाई को ब्यास नदी में आई बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने आई केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की तकनीकी टीम मनाली में फंस गई है। सोमवार को चार सदस्यीय टीम को मनाली से कुल्लू तक नुकसान का आकलन करना था। मार्ग बंद होने से टीम मनाली में फंसी रही। रविवार को टीम ने मंडी से कुल्लू तक नुकसान का आकलन किया था।
टीम में मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक,आइआइटी मंडी व रुड़की के दो विशेषज्ञ और एक भू विज्ञानी शामिल है। नुकसान का आकलन कर टीम मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर यहां फोरलेन की डीपीआर तैयार होगी।