नई दिल्ली: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के कारण अडानी को पिछले आठ कारोबारी दिनों में काफी नुकसान हुआ। उनकी आधी संपत्ति लगभग गिर गई, लेकिन अब वो कमबैक कर रहे है। अडानी के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं अब रेटिंग एजेंसियों ने भी अडानी समूह को लेकर बड़ी बात कही है। मूडीज और फिच दोनों ने अडानी समूह के लोन को लेकर अपनी रिपोर्ट दी है। दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडीज ने मंगलवार को कहा कि अडानी समूह की कंपनियों द्वारा भारतीय बैंकों से लिया गया लोन इतना अधिक नहीं है कि उनकी ऋण गुणवत्ता पर किसी तरह का जोखिम पैदा हो ।
रेटिंग एजेंसियों ने अडानी समूह के लोन पर कही बड़ी बात
रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडीज ने मंगलवार को कहा कि अडाणी समूह की कंपनियों को भारतीय बैंकों की तरफ से दिया गया कर्ज इतना अधिक नहीं है कि उनकी ऋण गुणवत्ता पर किसी तरह का जोखिम पैदा हो। इसके साथ ही दोनों रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बैंकों को असाधारण सरकारी समर्थन मिलने की उम्मीद को ध्यान में रखते हुए बैंक रेटिंग निर्धारित की जाती हैं। अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की प्रतिकूल रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह के शेयरों में तगड़ी गिरावट आई है। इसकी वजह से भारतीय बैंकों के समूह को दिए गए कर्ज को लेकर भी आशंका जताई जाने लगी है।
एक अन्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने कहा कि अडाणी समूह को कर्ज देने के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निजी बैंकों से कहीं आगे हैं लेकिन ज्यादातर बैंकों के कुल ऋण वितरण में अडाणी समूह की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है। हालांकि मूडीज ने कहा है कि भारतीय बैंकों के कर्ज को लेकर भले ही जोखिम कम है लेकिन मौजूदा घटनाक्रम की वजह से अडाणी समूह को अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिलने वाले वित्त में गिरावट आ सकती है। अडाणी समूह ने कहा है कि उसके कर्ज का बड़ा हिस्सा विदेश से आया है। इस संदर्भ में मूडीज ने कहा कि बैंकों का जोखिम बढ़ सकता है अगर अडाणी समूह बैंकों से लिए गए कर्ज पर अधिक निर्भर हो जाता है। रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि भारतीय बैंकों के कंपनियों को दिए गए कर्ज की गुणवत्ता कुल मिलाकर स्थिर बनी रहेगी।