नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल किसी पहचान के मोहताज नहीं है। डोभाल केंद्र सरकार में सबसे मजबूत अधिकारी माने जाते हैं। डोभाल की हैसियत क्या है इस बात का अंदाजा पीएम के साथ उनकी नजदीकी से लग जाता है। देश के अहम फैसलों में उनकी राय की अहमियत और महत्वपूर्ण मौके पर उनकी मौजूदगी से ही उनके कद का अनुमान लगा सकते हैं। पीएम मोदी के दाहिने हाथ माने जाने वाले डोभाल की जासूसी को लेकर कई किस्से कहानियां मौजूद हैं। आज अजीत डोभाल का जन्मदिन है। जानते हैं अजित डोभाल से जुड़े कुछ सुने-अनसुने किस्सों के बारे में।
आईबी के चीफ रहे डोभाल को आंतरिक सुरक्षा और काउंटर टेररिज्म का मास्टर माना जाता है। पंजाब से लेकर नॉर्थ ईस्ट, कंधार से लेकर कश्मीर तक आतंकवाद के खिलाफ उनका रिकॉर्ड शानदार है। डोभाल के पूर्वोत्तर में काम के दौरान एक ऐसा मौका आया जब उन्होंने अपनी पत्नी को अपने मिशन की भनक तक नहीं लगने दी थी। डोभाल ने अपने रोमांचक करियर की यह बात खुद एक इंटरव्यू के दौरान बताई थी। दरअसल, जब डोभाल जब मिजोरम में तैनात थे उस समय उन्होंने कुछ लोगों को अपने घर खाने पर बुलाया था। दरअसल, ये लोग प्रसिद्ध लालडेंगा के मिजो नेशनल फ्रंट के सेना कमांडर थे। ये मिजो विद्रोह में शामिल था।
खासबात है कि इन लोगों के लिए डोभाल की पत्नी ने सूअर का मांस बनाया था। हालांकि, उन्होंने इससे पहले कभी सूअर का मांस नहीं बनाया था। डोभाल ने बताया था कि इस बात का पता उन्हें कई साल बाद पता लगा। इसके बाद उनकी पत्नी अनु नाराज हो गई थीं। डोभाल ने नगा विद्रोहियों की मेजबानी करने के अलावा मिजोरम सरकार की मदद भी की। इसके अलावा डोभाल ने 33 साल की सर्विस में पूर्वोत्तर के दुर्गम क्षेत्रों में प्रभावी काम किया।
अपनी सर्विस के दौरान डोभाल 6 साल तक पाकिस्तान में अंडरकवर एजेंट के रूप में भी काम किया। बात उस समय की है जब डोभाल जब लाहौर में थे। वहां की लोकल मार्केट में स्थित दरगाह पर वह कव्वाली सुनने गए थे। उस वाकये के बारे में डोवाल ने बताया था कि मैं मध्यम वर्गीय मुस्लिम युवक की वेशभूषा में कव्वाली सुनने पहुंचा था। डोभाल के अनुसार जब वह कव्वाली सुन रहे थे, उसी दौरान पाकिस्तानी खुफिया विभाग का एक अधिकारी उनके पास आया। उस अधिकारी ने डोभाल के कान में कहा कि उनकी नकली दाढ़ी लटक रही है। यह डोभाल के लिए काफी शर्मिंदगी भरा पल था। वह उसी समय तुरंत वहां से निकल लिए।