नई दिल्ली : केंद्रीय आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के बीच रियल एस्टेट सेक्टर के मुद्दों को हल करने की होड़ मची है। या कहें कि रेरा (RERA) को लेकर रार है। एक तरफ उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय रियल एस्टेट सेक्टर्स के ग्राहकों की समस्याओं पर काम कर रहा है, तो पुरी का कहना है कि इसके लिए तो रेरा ही उचित प्लेटफॉर्म है। रेरा रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) का रेगूलेटर है। रेरा से पहले इस सेक्टर की समस्याएं उपभोक्ता आयोगों में ही जाती थीं।
फोरम शॉपिंग के लालच से बचें सरकारी संस्थान
पुरी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में रेरा की काफी तारीफ की। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट नियामक कानून इस सेक्टर के मुद्दों से निपटने के लिए लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं को ऐसे समाधान पेश करने के लालाच से बचना चाहिए जो उपभोक्ताओं को ‘फोरम शॉपिंग’ के लिए प्रोत्साहित करे। फोरम शॉपिंग एक ऐसी प्रैक्टिस है, जहां व्यक्ति अपना लीगल केस एक ऐसे कोर्ट में फाइल करता है, जहां उसे अपने अनुकूल फैसला मिलने की संभावना होती है।
रियल एस्टेट सेक्टर रेरा का विषय
पुरी ने रेरा के अंतर्गत गठित केंद्रीय सलाहकार परिषद (CAC) की बैठक में कहा, ‘रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े मुद्दों को इस फोरम (रेरा) का विषय बनाया गया है। रेरा से पहले आपके पास कंज्यूमर रिड्रेसल मैकेनिज्म था…अगर मैं भी प्रभावित पक्ष होता, तो मैं फोरम शॉपिंग के लिए जाता। मैं यहां-वहां जाता और आखिर में कोर्ट जाता। लेकिन हमें एक मैकेनिज्म के जरिए दूसरे फोरम से समस्या के समाधान के लालच का विरोध करना चाहिए।’
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने की थी बैठक
पुरी की यह टिप्पणी रेरा लागू होने के वर्षों बाद भी रियल एस्टेट सेक्टर में उपभोक्ताओं के सामने आने वाली समस्याओं की पहचान के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा हितधारकों के साथ बैठक करने के कुछ सप्ताह बाद आई है। उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय पीयूष गोयल के पास है।
उपभोक्ता आयोगों के पास 10% शिकायतें रियल एस्टेट की
मंत्रालय के अनुसार, रेरा के आने के बाद उपभोक्ता आयोगों में दर्ज शिकायतों की संख्या में कमी आई है। इसके बावजूद इन आयोगों में दर्ज शिकायतों में से 10 फीसदी शिकायतें रियल एस्टेट सेक्टर से संबंधित हैं। उपभोक्ता मंत्रालय ने होमबायर्स के हितों की रक्षा के लिए बिल्डर-बायर एग्रीमेंट में मॉडल प्रावधानों का सुझाव देने के लिए एक पैनल भी स्थापित किया है।
रेरा को कमजोर करने की कोशिश न करें
पुरी ने कहा कि अगर उपभोक्ता फोरम इतने प्रभावी होते तो रेरा की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा, ‘यह देखने की आवश्यकता थी कि स्पेसिफिक सेक्टर से जुड़े मामलों को एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म्स पर उठाया जाता है और वह संसद द्वारा बनाया गया रेरा है।’ पुरी ने कहा कि उन्होने रेरा के लिए कानूनी चुनौती जीत ली है। अब यह कहकर इसे कमजोर करने की कोशिश न करें कि दूसरे फोरम भी ऐसा कर सकते हैं।
पीयूष गोयल ने कही थी यह बात
बता दें कि उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल भी होमबायर्स के मुद्दों के समाधान पर बोलते रहे हैं। पिछले महीने उन्होंने कहा था कि विश्वसनीय और अच्छी तरह से रेगूलेटेड रियल एस्टेट सेक्टर पर उनका फोकस है। ब्लॉकचेन और एआई के जरिए तकनीक के अधिक इस्तेमाल से इस सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। उन्होंने कहा था, ‘हाउसिंग सेक्टर की शिकायतों के त्वरित और प्रभावी समाधान से इस सेक्टर को मजबूती मिली है।’