रायपुर । होम्योपैथी पद्धति में हो रहे अनुसंधान और नवाचार पर चर्चा के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एक दिवसीय सीएमई आयोजित की गई। इसमें जीवनशैली संबंधी रोगों और एलर्जी में होम्योपैथी को सर्वाधिक कारगर बताते हुए इसे प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया।
विशेष वक्ता के रूप में कोलकाता के डॉ. नवीन कुमार सिंह, सीएचएमसीएच और डॉ. हिमांशु शेखर तिवारी, सीजीएचएस, नई दिल्ली ने होम्योपैथी के लगातार प्रसार की चर्चा करते हुए इसमें आ रहे बदलावों और लोकप्रियता के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक चंद्र अग्रवाल ने कहा कि होम्योपैथी साक्ष्य आधारित लोकप्रिय चिकित्सा पद्धति है। इसमें डोज, डाइल्यूशन और कंस्ट्रेशन का महत्व होता है। भारत में भी यह वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के रूप में लगातार लोकप्रिय हो रही है। एम्स में एलोपैथी के साथ आयुष की विभिन्न ब्रांच के साथ संयुक्त शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आयोजक होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि सीएमई का उद्देश्य होम्योपैथी के जनक डॉ. हैनीमेन के शिक्षण और अनुसंधान के बारे में नई पीढ़ी को जानकारी प्रदान करना रहा। इसमें राज्य के 200 से अधिक होम्योपैथी चिकित्सकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रो. विनय पंडित, डॉ. विक्रम पई और डॉ. लक्ष्मण कुमार ने भी भाग लिया।