



तथाकथित समाजसेवियों की भरमार… आख़िर कैसे हो चुनावी बेड़ा पार
*जिन्हें अपने गांव के मुद्दे उठाने में लगता है डर… वह क्षेत्र के विकास के मुद्दों पर दिखा रहे अपना मनगढ़ंत असर…*
*कोई राजनीतिक दलों के सहारे पार करना चाहता है अपनी चुनावी नैया… तो कोई आम जनमानस को गुमराह कर समाजसेवी होने का रच रहा ढोंग…*
*ऐसे कई तथाकथित समाजसेवियों ने आम जनमानस को गुमराह कर जीते हैं कई चुनाव… चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में नज़र नहीं आए यह तथाकथित समाजसेवी…*
*चित्रकूट.* त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर तथाकथित समाजसेवियों की भरमार खूब देखने को मिल रही है जो आम जनमानस को लुभाने के लिए बड़ी बड़ी होर्डिंग्स लगवा रहे हैं और आम जनमानस के बीच पहुंचकर उनका हितैषी होने का दंभ भरते हुए नज़र आ रहे हैं जबकि आम जनमानस इन तथाकथित समाजसेवियों की कार्यशैली से ख़ूब परिचित है l
इन तथाकथित समाजसेवियों में सबसे बड़ी बात यह है कि यह लोग अपनी ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के मुद्दे हों या फिर आम जनमानस से जुड़े मुद्दे हों उनसे हमेशा दूरियां बनाते हुए नज़र आते हैं जब इन समाजसेवियों से इनके ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में हो रही धांधली व आम जनमानस से जुड़े मुद्दों पर कोई बात की जाती है तो यह तथाकथित समाजसेवी ऐसे चंपत हो जाते हैं जैसे इनका इन ग्राम पंचायतों व आम जनमानस के मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है l
इन तथाकथित समाजसेवियों में कुछ ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य भी नज़र आते हैं जिन्होंने अपने ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत में ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य रहते हुए मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार कर सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया है और ग्राम पंचायतों को लूटने के बाद यह लोग अब ज़िला पंचायत सदस्य बनकर पूरे क्षेत्र को लूटकर अपनी झोली भरने की तैयारी कर रहे हैं l
इन तथाकथित समाजसेवियों के बड़े बड़े लुभावने पोस्टर बैनर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रहे हैं इन्हीं लुभावने पोस्टरों व बैनरों के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाने में जुटे हुए हैं l
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि यह तथाकथित समाजसेवी ज़िला पंचायत सदस्य बनकर ख़ूब लूट करने वाले हैं यह तथाकथित समाजसेवी बख़ूबी जानते हैं कि ज़िला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जाता है और प्रत्येक ज़िला पंचायत सदस्य की लाखों रुपए में बोली लगाई जाती है जिसके कारण इन बिके हुए सदस्यों की बदौलत जिले में सही तरीके से विकास कार्य नहीं हो पाते हैं l
इन तथाकथित समाजसेवियों की जमीनी हकीकत जानने के लिए जब जीत आपकी चलो गांव की ओर जागरूकता अभियान की टीम ने मानिकपुर व बरगढ़ क्षेत्र के पठारी क्षेत्रों का दौरा किया और स्थानीय ग्रामीणों ने चर्चा की तो उन ग्रामीणों ने इन तथाकथित समाजसेवियों की पोल खोल कर रख दी l
इन ग्रामीणों में सबसे दुख भरी दास्तां कोल आदिवासी समाज के लोगों ने सुनाई पाठा क्षेत्र के कोल आदिवासी समाज के एक बूढ़े बुज़ुर्ग ने बताया कि चुनाव के समय बहुत सारे लोग हमारे समाज के बीच आकर हमारा हितैषी होने का दंभ भरते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद यह लोग हमारी बस्तियों को देखने तक नहीं आते हैं तो विकास कार्य कैसे कराएंगे इस बूढ़े बुज़ुर्ग ने यह भी बताया कि हमने कई सरकारें देखी हैं लेकिन किसी भी सरकार ने हम कोल आदिवासियों को रोज़गार देने के लिए कोई आवश्यक कदम नहीं उठाया है हमारा कोल आदिवासी समाज सदियों से जंगलों और पहाड़ों पर आश्रित रहा है और जंगलों पहाड़ों से सूखी लकड़ी काटकर बेचने व पत्थर की खदानों पर मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता आ रहा है कोल आदिवासी समाज के इस बूढ़े बुज़ुर्ग ने यह भी कहा कि हमारा समाज ज्यादातर अनपढ़ है मेहनत मजदूरी के सिवाय कुछ और नहीं कर सकता है… कहने को तो दुनियां बदल रही है लेकिन हम कोल आदिवासियों के हालात आज भी जस के तस बने हुए हैं l
कोल आदिवासियों द्वारा यह भी कहा गया है रानीपुर टाइगर रिजर्व बन जाने व महाकुंभ के चलते हमारे मुख्य कारोबार (लकड़ी बेचने) पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसके कारण हम अपने व अपने परिवार का भरण पोषण सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं हमारी इस हालत को जानने के लिए कोई भी समाजसेवी या नेता हमारे बीच नहीं आया और न ही हमारी समस्याओं को लेकर किसी ने कोई आवाज़ उठाई है…
लेकिन,
चुनाव आते ही इन तथाकथित समाजसेवियों का जमावड़ा ज्यादातर हमारे कोल आदिवासी समाज की बस्तियों में लगा रहता है जिसे देखो वहीं हमारा हितैषी होने का दंभ भरता है लेकिन चुनाव जीतने के बाद हमारी बस्तियों में कोई झांकने तक नहीं आता है कोल आदिवासी समाज के गरीब लोगों द्वारा यह भी कहा गया कि इन तथाकथित समाजसेवियों को इस बार इनकी औकात हम अपनी वोट के जरिए बताएंगे l
जीत आपकी_ चलो गांव की ओर जागरूकता अभियान के संस्थापक/अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह राणा ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले ही इन तथाकथित समाजसेवियों की जमीनी हकीकत जानने व इनके लुभावने पोस्टरों व बैनरों के झांसे में न आने के लिए जिले के पठारी क्षेत्रों व अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर आम जनमानस की राय जान रहे हैं और इन तथाकथित समाजसेवियों की कार्यशैली आम जनमानस को बता रहे हैं जिससे इन तथाकथित समाजसेवियों को आम जनता चुनाव में जवाब दे सके l
*चित्रकूट जिले के सभी आम जनमानस से यह अपील करना चाहते हैं कि इन तथाकथित समाजसेवियों के बहकावे में न आएं… अगर कोई तथाकथित समाजसेवी आपके बीच पहुंचकर अपने आपको को अपना हितैषी बता रहा है तो उसकी पूरी जांच पड़ताल कीजिए… और इसकी जानकारी हमें उपलब्ध कराइए हम इनकी जमीनी हकीकत की जांच पड़ताल करेंगे और आम जनमानस तक पहुंचाएंगे…
