नई दिल्ली: इस साल कोरोना का संक्रमण फिर से तेज से फैल रहा है। संक्रमण दर और नए मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बावजूद एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार कोरोना अलार्मिंग नहीं है। इसलिए डरने वाली बात नहीं है, लेकिन प्रिवेंशन और प्रिकॉशन दोनों बनाए रखने की जरूरत है।
ऐसा कुछ नहीं मिला, जो गंभीर हो…
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की कम्यूनिटी मेडिसिन की प्रोफेसर डॉ. नंदिनी शर्मा ने कहा कि इस बार ऐसा कुछ नहीं पाया जा रहा है, तो चिंताजनक हो। जांच हो रही है इसलिए नए मरीज मिल रहे हैं। जांच भी इसलिए हो रही है, क्योंकि इस बार एच3एन2 की वजह से लोगों की खांसी लंबी चल रही है। इस वजह से जब लोग जांच कराने जा रहे हैं, तो उनमें से कुछ को कोविड भी निकल रहा है। जो वायरस फैल रहा है, वह ओमिक्रॉन का ही सब वेरिएंट है, जिसे XBB.1.16 नाम दिया गया है। इसके संक्रमण में मरीजों में गंभीरता नहीं देखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि अभी इन्फ्लूएंजा, स्वाइन फ्लू और कोरोना तीनों चल रहे हैं। मौसम भी ऐसा है, जिसमें सांस के जरिए फैलने वाली बीमारियों को मदद मिलती है। वजह जो भी हो, मौसम भी ठंडा बना हुआ है। इसलिए मामले आ रहे हैं। डॉक्टर नंदिनी ने कहा कि जैसे कोरोना पहले आया था, अब वैसा नहीं है। इसके वायरस में भी बदलाव हुआ है और इंसान के शरीर में भी इसके खिलाफ इम्यूनिटी है। जब 2010 में स्वाइन फ्लू आया था, तब यह कितना खतरनाक था। अब यह सेटल हो गया है। लेकिन संक्रमण आज भी आ रहे हैं। कुछ मौत हो रही हैं, लेकिन यह अलार्मिंग नहीं हो रहा है।
डॉक्टर ने कहा कि ठीक इसी प्रकार कोरोना भी सेटल हो रहा है। आने वाले समय में यह भी स्वाइन फ्लू की तरह आता जाता रहेगा। जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होगी, उनमें से कुछ को परेशान करेगा। जो बहुत ज्यादा बीमार होंगे, उनमें से कुछ के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। लेकिन कुल मिलाकर अब यह वायरस पहले की तरह नहीं रहा है। जांच करेंगे तो नए मामले आएंगे। इसलिए पैनिक वाली कोई बात नहीं है।