बॉलीवुड एक्ट्रेस जिया खान सुसाइड मामले में शुक्रवार को सूरज पंचोली को ‘आत्महत्या के लिए उकसाने’ के आरोपों से बरी कर दिया गया। बीते 10 साल से यह मामला सिनेमा की गलियों और कोर्ट-कचहरी में हर जगह चर्चा का का विषय रहा है। जिया खान की मां राबिया लगातार यह आरोप लगाती रही हैं कि उनकी बेटी की हत्या हुई। लेकिन सीबीआई की विशेष अदालत के जस्टिस एएस सैय्यद ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सबूतों के कमी के कारण यह अदालत आपको दोषी नहीं ठहरा सकती। इसलिए आपको बरी किया जाता है। इस फैसले के बाद जहां सूरज पंचोली ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि ‘सच ही हमेशा जीत होती है’, वहीं जिया खान की मां राबिया ने कहा है कि वह फैसले को हाई कोर्ट में चैलेंज करेंगी। जाहिर है, ऐसे में आपके मन भी यह सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर बीते 10 साल में इस केस में ऐसा क्या हुआ कि कोर्ट ने जिया के तत्कालीन बॉयफ्रेंड और एक्टर सूरज पंचोली को बरी कर दिया। आइए, समझते हैं कि जस्टिस एएस सैय्यद ने अपने आदेश में क्या कहा और क्यों कहा-
कोर्ट में आदेश की वो 5 बातें, जिस कारण बरी हुए सूरज पंचोली
1. जस्टिस एएस सैय्यद ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी के खिलाफ जो भी सबूत दिए गए वह ‘अस्पष्ट और सामान्य’ थे। साफ तौर यह साबित नहीं होता है कि जो हुआ इसके लिए Sooraj Pancholi जिम्मेदार हैं। या उन्होंने कुछ ऐसा कहा या किया, जिस कारण जिया खान ने आत्महत्या करने का फैसला किया।
3. जस्टिस सैय्यद ने अपने आदेश में यह भी माना है कि जिया खान ‘अपनी ही भावनाओं की शिकार’ थीं।
4. अदालत ने यह भी कहा कि जिया इस रिश्ते से बाहर निकल सकती थीं, लेकिन वह ‘अपनी ही भावनाओं का शिकार थीं’ और अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा सकीं। लेकिन इसके लिए सूरज पंचोली को ‘जिम्मेदार’ नहीं ठहराया जा सकता।
इन 5 कारणों से जिया की मां राबिया खान पर उठे सवाल
1. जज ने अपने आदेश में कहा कि यह तथ्य है कि एक्ट्रेस को सुसाइडल टेंडेंसी थी। लेकिन यह भी तथ्य है कि एक्ट्रेस ने अपनी मां Rabia Khan को इस बारे में कभी नहीं बताया था। बल्कि वह सूरज पंचोली ही थे, जिन्होंने सबसे पहले राबिया खान को इस बारे में बताया था।
2. अदालत ने कहा कि यह दिखाने और साबित करने के लिए कोई रिकॉर्ड या सबूत नहीं हैं कि जिस 3 जून, 2013 को जिया ने आत्महत्या की, उस दिन सूजर उनसे मिले थे या उनके घर भी गए थे।
3. जस्टिस सैय्यद ने यह भी कहा कि राबिया के सबूतों ने उल्टा सूरज पंचोली के खिलाफ अभियोजन पक्ष (प्रॉसिक्यूशन) के मामले को कमजोर कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘राबिया ने अपने सबूतों के जरिए यह दिखाने की कोशिश की कि जिया ने कभी आत्महत्या की ही नहीं, बल्कि आरोपी ने उन्हें मार डाला। हालांकि, यह अभियोजन पक्ष का मामला नहीं है।’
4. जस्टिस एएस सैय्यद ने अपने आदेश कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला आत्महत्या का था, जबकि राबिया लगातार यह दावा करती रहीं कि यह हत्या है। इस तरह खुले तौर पर दो तरह की बातें कर और सबूत देने की कोशिश कर शिकायतकर्ता (राबिया खाान) ने खुद अभियोजन पक्ष के केस को नष्ट कर दिया।
5. कोर्ट ने इस मामले में राबिया खान की ओर से एफआईआर दर्ज करवाने में हुई देरी पर भी सवाल उठाए। साथ ही यह कहा कि जिया के घर से जो कथित सुसाइड नोट बरामद हुआ है, वह भी संदेह के घेरे में है।
कोर्ट में सूरज के वकीलों के इन 3 दलीलों ने पलटा मामला
1. सूरज पंचोली के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी थी कि कथित सुसाइड नोट किसी का भी नाम नहीं लिया गया है। न ही इसमें कहीं पर भी सूरज पंचोली के नाम का जिक्र है। जिरह के दौरान जब गवाह नं-1 (राबिया खान) से सवाल किए गए तो पता चला कि जिया खान के घर से एक डायरी मिली थी, जिसमें कुछ लिखा हुआ है। वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि जिरह में यह साफ हो गया है कि छह पन्ने के सुसाइड नोट की लिखावट (हैंड राइटिंग) और डायरी में जो लिखावट है, वह मेल खाती है। उस डायरी की लिखावट राबिया खान की थी।
2. कोर्ट में दलीलें दी गई कि दिवंगत एक्ट्रेस ने सुसाइड किया था। 14 साल की उम्र में भी जिया ने खुद की जिंदगी खत्म करने की कोशिश की थी। लेकिन यह बात राबिया खान ने कोर्ट को नहीं बताई। जबकि अदालत की कार्यवाही में यह बात दर्ज है कि जब इससे पहले भी जिया ने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, तब सूरज ने ही उनकी मदद की थी।