लंदन: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद किंग चार्ल्स तृतीय अब आधिकारिक रूप से ब्रिटेन के सम्राट बनने जा रहे हैं। मंगलवार, 6 मई को लंदन के ऐतिहासिक वेस्टमिनिस्टर ऐबे में किंग चार्ल्स का राज्याभिषेक किया जाएगा। इस अवसर पर देश और दुनिया के कई गणमान्य हस्ति मौजूद रहेंगे, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल हैं। किंग चार्ल्स न सिर्फ ब्रिटेन के महाराजा बनेंगे बल्कि उन्हें 14 अन्य राष्ट्रमंडल देशों का सम्राट भी घोषित किया जाएगा। इसी के साथ उन्हें ब्रिटिश राजपरिवार की शाही शक्ति का प्रतीक ओर्ब, राजदंड और राज्याभिषेक की अंगूठी मिलेगी। उनका राज्याभिषेक यरूशलेम में विशेष रूप से पवित्र किए गए तेल से किया जाएगा। इस अवसर पर 15 देशों के प्रतिनिधियों को ब्रिटिश सम्राट के प्रति वफादारी की शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
70 साल में ब्रिटेन में पहला राज्याभिषेक
ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का राज्याभिषेक 70 साल पहले किया गया था। तब से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल गया है। राजशाही अब लोगों को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि लोग नए राजा के प्रति निष्ठा रखने में हिचक रहे हैं। किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक को लेकर ब्रिटेन में जबरदस्त तैयारियां की गई है। लेकिन, सवाल यह है कि ब्रिटेन के अलावा बाकी के 14 देश किंग चार्ल्स तृतीय को अपने देश के प्रमुख के तौर पर चाहते हैं या नहीं? इन देशों में अक्सर ब्रिटिश राजपरिवार को लेकर विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। ये वो देश हैं, जो कभी न कभी ब्रिटेन के गुलाम रहे हैं और इसी ब्रिटिश राजपरिवार ने वहां के आम लोगों पर न सिर्फ अत्याचार किए बल्कि वहां की संपत्ति को भी लूटा।
ब्रिटिश शाही परिवार के वफादार देश कौन से हैं
वर्तमान में ब्रिटेन के अलावा किंग चार्ल्स तृतीय को 14 देशों में राष्ट्र प्रमुख के तौर पर मान्यता प्राप्त हैं। इनमें एंटीगुआ और बारबुडा, ऑस्ट्रेलिया, बहामास, बेलीज, कनाडा, ग्रेनाडा, जमैका, न्यूजीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, सोलोमन द्वीप और तुवालु शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के 70 साल के शासन में 17 देशों ने ब्रिटिश राजशाही को छोड़ दिया। इसमें सबसे नया देश बारबाडोस है, जिसने 2021 में ब्रिटिश राजशाही से अपना नाता तोड़ा है।
‘Not My King’ बोल किंग चार्ल्स का हो रहा विरोध
बेलीज भी ब्रिटिश शासन से बाहर आने को तैयार
जमैका के पड़ोसी देश बेलीज में भी ऐसी ही भावनाएं पनप रही हैं। बेली एक पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश रह चुका है। यहां की जनता भी ब्रिटिश राजशाही से दूर जाना चाहती है। बेलीज के प्रधानमंत्री जॉन ब्रिसेनो ने द गार्जियन अखबार को बताया था कि काफी संभावना है कि उनका देश गणतंत्र बनने वाला अगला राष्ट्रमंडल क्षेत्र होगा। उन्होंने कहा कि चार्ल्स के राज्याभिषेक ने उनके सहयोगियों के बीच कोई उत्साह नहीं पैदा किया है। बेलीज देश ने पिछले साल गणतंत्र बनने के तरीकों पर गौर करने के लिए एक संवैधानिक आयोग बनाने का कानून पारित किया। ब्रिसेनो ने कहा कि वह अपनी सिफारिशें, अगले साल, एक जनमत संग्रह के लिए रखेंगे, लेकिन संसद के माध्यम से देश की राजशाही को संभावित रूप से समाप्त करने से इंकार नहीं किया।